नई दिल्लीः देश के लिए आर्थिक मोर्चे पर बुरी खबर आई है. सेंट्रल स्टेटिस्टिक्स ऑफिस यानी सीएसओ ने आज 2017-2018 में जीडीपी यानी विकास दर का अनुमान जारी कर दिया है. इसके मुताबिक साल 2017-18 में देश की विकास दर 6.5 फीसदी रहेगी. ये 7 फीसदी के सरकार की उम्मीद से काफी कम है क्योंकि साल 2016-17 में विकास दर 7.1 फीसदी रही थी. वहीं साल 2015-16 में देश की विकास की रफ्तार 8 फीसदी के करीब पहुंच गई थी.
जीडीपी 129.85 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की ओर से आज राष्ट्रीय आय (2017-18 के लिए) के अग्रिम अनुमान जारी किए गए हैं. साल 2017-18 में जीडीपी 129.85 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो कि 31 मई 2017 को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक साल 2016-17 में 121.90 लाख करोड़ रुपये होने वाला था.
नोटबंदी और जीएसटी का प्रभाव
दरअसल नोटबंदी और जीएसटी के प्रभावों के चलते पहले ही आर्थिक जानकार अनुमान लगा रहे थे कि देश की जीडीपी में गिरावट देखी जा सकती है और ये 7 फीसदी के नीचे रह सकती है. हालांकि आने वाले बजट को देखते हुए सरकार के लिए ये अनुमान और भी मुश्किल खड़ी कर सकते हैं और सरकार के लिए लोकलुभावन बजट पेश करना काफी मुश्किल हो जाएगा.
50 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधारी
हाल ही में सरकार ने चालू कारोबारी साल यानी 2017-18 के दौरान 50 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधारी करने का एलान भी किया है. अब ऐसे में फिस्कल डेफिसिट यानी सरकारी खजाने का घाटा बढ़ने का खतरा है.
हालांकि कल ही अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की जीडीपी ग्रोथ आने वाले 5 सालों में 6.7 फीसदी रहने का अनुमान दिया है जो कि चीन की जीडीपी ग्रोथ से ज्यादा रहेगा.