सोना-चांदी समेत अन्य कीमती धातुओं तथा हीरे-जवाहरात आदि के मामले में भारत प्रमुख स्थान रखता है. भारत न सिर्फ इन सभी के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में शामिल है, बल्कि भारत में बने गहनों आदि की दुनिया भर में खूब मांग है. हालांकि मई महीने में इस मोर्च पर कुछ निराशा हाथ लगी है और निर्यात (Gems And Jewellery Export) में कमी दर्ज की गई है.
जीजेईपीसी ने जारी किए आंकड़े
कीमती धातुओं के उद्योग से संबंधित संगठन रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद यानी जीजेईपीसी (GJEPC) ने हाल ही में निर्यात का मासिक आंकड़ा जारी किया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट में जीजेईपीसी के आंकड़ों के हवाले से बताया गया है कि मई महीने के दौरान भारत के हीरे-जवाहरात के निर्यात में 10.7 फीसदी की गिरावट आई है. इस तरह से मई में इनका निर्यात कम होकर 2,755.90 मिलियन डॉलर यानी करीब 22,695 करोड़ रुपये पर आ गया है. इससे पहले मई 2022 में यह निर्यात 3,285.47 मिलियन डॉलर यानी करीब 25,412.66 करोड़ रुपये का रहा था.
कम हो गया हीरों का निर्यात
जीजेईपीसी के आंकड़ों के अनुसार, मई महीने के दौरान तराशे गए हीरों के कुल निर्यात में बड़ी गिरावट आई है. यह निर्यात मई महीने में 12.17 फीसदी कम हुआ है और 1,723.17 मिलियन डॉलर यानी 14,190.28 करोड़ रुपये रह गया है. इससे ठीक साल भर पहले मई 2022 में तराशे गए हीरों का निर्यात 16,156.04 करोड़ रुपये का रहा था.
इससे बड़ी गिरावट लैब में बने हीरों के मामले में देखने को मिली. इनका निर्यात अप्रैल-मई के दौरान 20.57 फीसदी कम होकर 236.08 मिलियन डॉलर (करीब 1,985.83 करोड़ रुपये) रह गया. साल भर पहले यानी अप्रैल-मई 2022 में इनका निर्यात 325.45 मिलियन डॉलर (करीब 2,499.95 करोड़ रुपये) रहा था.
चांदी के मामले में भारी गिरावट
सबसे ज्यादा गिरावट चांदी के आभूषणों के निर्यात में देखने को मिली है. अप्रैल-मई के दौरान चांदी के गहनों का निर्यात 68.54 फीसदी कम होकर 141.10 मिलियन डॉलर यानी करीब 1,173.25 करोड़ रुपये पर आ गया है. साल भर पहले इनका निर्यात 485.42 मिलियन डॉलर यानी 3,728.88 करोड़ रुपये रहा था.
सिर्फ सोने के आभूषणों में तेजी
हालांकि इस दौरान सोने के आभूषणों के निर्यात में तेजी आई. इनका कुल निर्यात मई में 7.29 फीसदी बढ़कर 693.01 मिलियन डॉलर यानी 5,705.32 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. यह एक साल पहले यानी मई 2022 में 687.1 मिलियन डॉलर यानी 5,317.71 करोड़ रुपये रहा था.
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