GIFT City: गुजरात के गांधीनगर स्थित गिफ्ट सिटी फाइनेंशियल इंवेस्टमेंट हब के गेटवे के तौर पर कार्य करेगा साथ ही 2047 तक भारत के विकसित अर्थव्यवस्था बनने के विजन को पूरा करने में सबसे बड़ी भूमिका निभाने वाला है. 10वें वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 के दौरान वित्त मंत्री वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा किया है.
समिट के दौरान गिफ्ट सिटी-आधुनिक भारत की एक आकांक्षा (GIFT City-An Aspiration of Modern India) को लेकर आयोजित सेमीनार में वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए साल 2007 में गिफ्ट सिटी की कल्पना की थी. अब गिफ्ट सिटी दुनिया के बेहद महत्वपूर्ण फाइनेंशियल हब के तौर पर बनता जा रहा है. वित्त मंत्री ने पीएम मोदी के ग्रीन टेक्नोलॉजी के विजन पर की जानकारी देते हुए कहा कि गिफ्ट सिटी को ग्रीन क्रेडिट्स का प्लेटफॉर्म बनना चाहिए. उन्होंने कहा, 2047 तक भारत के 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने के गिफ्ट सिटी को फिनटेक प्रयोगशाला के तौर पर विकसित करना चाहिए.
वित्त मंत्री ने आईएफएससी (International Financial Services Centres) में बढ़ते ऑपरेशनंस की जानकारी देते हुए बताया कि, गिफ्ट सिटी में अब 3 एक्सचेंज हैं जिसमें इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज शामिल है. इसके अलावा 25 बैंक, 9 विदेशी बैंक, 26 एयरक्रॉफ्ट लेसर, 80 फंड मैनेजर्स, 50 प्रोफेशनल्स सर्विस प्रोवाइडर्स और 40 फिनटेक इकाईयां मौजूद है.
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत को शिपिंग का मैन्युफैक्चरिंग हब बनने का लक्ष्य लेकर चलना चाहिए और गिफ्ट सिटी के आईएफएससी में 8 जहाज लीज पर देने वाली संस्थाएं काम कर रही हैं जो ग्लोबल फाइनेंस तक पहुंच को सक्षम बनाएंगी. उन्होंने कहा कि सरकार के वित्तीय सुधार से जुड़े फैसलों के चलते भारतीय शेयर बाजार में रिटेल निवेशकों की बढ़ी है.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि गिफ्ट सिटी को टेक्नोलॉजी और फाइनेंशिल वर्ल्ड का मिश्रण बताते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी के फायदों को फाइनेंशियल सर्विसेज में शामिल करने की जरूरत है और गिफ्ट सिटी को भारत के उद्यमियों को ग्लोबल फाइनेंस हासिल करने में सहुलियत के लिए डिजाइन किया गया है. उन्होंने कहा कि ग्लोबल फाइनेंशियल हब पहले केवल कैपिटल पर ध्यान देते थे, लेकिन गिफ्ट सिटी को टेक्नोलॉजी के साथ फाइनेंशियल सर्विसेज प्रदान करने का तमगा हासिल है.
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत अब दुनिया के ग्रोथ इंजन को ड्राइव कर रहा है और यह विकसित पश्चिमी दुनिया और ग्लोबल साउथ के बीच पुल बन सकता है और जैसे-जैसे भारत वैश्विक मंच पर आगे बढ़ रहा है, भारत के लोग इनोवेटर्स के साथ उद्यमी बनना चाहते हैं, और गिफअट सिटी उनकी इन आकांक्षाओं को पूरा करने में मदद कर सकता है.
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