Diwali Gift Items Under Law In India : देशभर में दिवाली (Diwali) धूमधाम से मनाई जा रही है. आपको बता दें कि इस त्योहार पर आपको दिवाली गिफ्ट (Diwali Gift) लेने और देने का चलन है. आपको भी खूब गिफ्ट मिलते होंगे और कुछ गिफ्ट आपको देने भी पड़ते है. भारत में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति या रिश्तेदार को गिफ्ट देना एक आम परम्परा है. कोई भी किसी को गिफ्ट या उपहार दे सकता है. इस पर कोई प्रतिबन्ध भी नहीं है. लेकिन जिस बात पर सबसे ज्यादा चर्चा होती है, वह है एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को उपहार देने पर आयकर के प्रावधान क्या हैं?
ऐसे गिफ्ट पर लगेगा टैक्स
अगर आपको किसी भी रिश्तेदार से उपहार मिलता है, तो वह कर योग्य नहीं होता है. रिश्तेदार की परिभाषा जो आयकर कानून में दी है वह बहुत ही महत्वपूर्ण है. इसके अतिरिक्त गिफ्ट को लेकर आयकर के प्रावधान हैं. रिश्ते में नहीं आने वाले व्यक्तियों से मिले कुछ गिफ्ट भी करमुक्त होते हैं. पहले सामान्य गिफ्ट की चर्चा करें, तो वे गिफ्ट जो कि आपको गैर रिश्तेदारों से मिले हैं. किसी एक व्यक्ति को पूरे साल में इस तरह के गिफ्ट चाहे एक व्यक्ति से मिले हो या एक से अधिक व्यक्ति से मिले हुए जिनकी कुल राशि 50 हजार रुपये से अधिक नहीं है, तो ये गिफ्ट आय में नहीं जुड़ते हैं. यदि यह कुल राशि 50 हज़ार रुपये से अधिक है तो फिर यह सारी राशि कर योग्य होगी.
ऐसे समझें
मान लो कि आपको एक गैर रिश्तेदार व्यक्ति से 30 हजार रुपये और दूसरे दूसरे व्यक्ति से 35 हजार रुपये का गिफ्ट मिला है. यह दोनों व्यक्ति आपके रिश्तेदार नहीं है और यह राशि 50 हजार रुपये से अधिक है. इसलिए यह पूरा 65 हजार रुपये आपकी आय में जुड़ेगा. उस पर आपको कर देना होगा. इसलिए आपको पूरे साल में इस तरह से मिलने वाला गिफ्ट यदि 50 हजार रुपये तक ही है तभी वह आय में नहीं जुड़ेगा. लेकिन, यदि यह 50 हजार से अधिक है तो फिर यह पूरी राशि ही आपकी आय में जुड़ेगी.
रिश्तेदार की परिभाषा
आपको बता दें कि आयकर कानून में रिश्तेदारों से मिलने वाले गिफ्ट पर आयकर नहीं लगता है. वही कानून में रिश्तेदार की परिभाषा कुछ इस तरह है. इसमें पति-पत्नी, माता-पिता, दादा-दादी, सास-ससुर, भाई-भाभी, बहिन-बहनोई, साला-सलहज (साले की पत्नी), साली-साढू, जेठ-जेठानी, देवर-देवरानी, मामा-मामी, मौसी-मौसा, बुआ-फूफा, चाचा-चाची, ताऊ-ताई. इसके अतिरिक्त भी कुछ रिश्ते आपके हो सकते हैं.
ये है आपका परिवार
यदि गिफ्ट जिसे मिला है, वह एक अविभाजित परिवार है तो उन्हें अपने सदस्यों से मिलने वाले गिफ्ट कर मुक्त होगा. विरासत अथवा वसीयत में मिलने वाले गिफ्ट भी कर के दायरे से बाहर हैं. एक व्यक्ति को उसकी शादी में मिलने वाले गिफ्ट पर कर नहीं लगता है. कुछ विशिष्ट फंड्स, फाउंडेशन, यूनिवर्सिटी, चैरीटेबल इंस्टीटूट से मिले गिफ्ट भी कर दायरे से बाहर हैं.
ऐसे गिफ्ट पर लागू होगा कानून
आपको बता दें कि गिफ्ट चेक या केश में हो. या फिर किसी संपत्ति के रूप में जैसे जमीन-जायदाद, जेवरात या शेयर इत्यादि. इस पर यही नियम लागू होता है. यदि ये सभी संपत्ति जमीन-जायदाद, जेवरात या शेयर इत्यादि का गिफ्ट आपको बिना प्रतिफल अर्थात भुगतान के मिलता है. तो इन पर भी यही प्रावधान लागू होंगे जो कैश गिफ्ट पर है. गिफ्ट के प्रावधान तब भी लागू होंगे जब कि ये सभी वस्तुएं आपको अपर्याप्त प्रतिफल पर मिला है तो भी गिफ्ट के प्रावधान लागू होंगे. अगर किसी स्थायी सम्पति, जमीन-जायदाद आपको बिना किसी प्रतिफल के मिलती है, तो उसकी स्टाम्प ड्यूटी वैल्यू 50 हजार रूपये से अधिक होगी. इस स्टाम्प ड्यूटी वैल्यू की पूरी राशि आपके आय में जुड़ेगी.
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