Income Tax: जोमाटो, स्विगी, ऊबर और अमेजन जैसी कंपनियों के लिए काम करने वाले गिग वर्कर (Gig Workers) साल का 2.50 लाख रुपये भी नहीं कमा पा रहे हैं. इन गिग डिलीवरी वर्कर्स की कमाई इतनी भी नहीं है कि ये साल में इनकम टैक्स (Income Tax) भरने के दायरे में आ जाएं. यही वजह है कि इनमें से ज्यादातर को टैक्स से जुड़े मसलों की कोई जानकारी भी नहीं है. ये सभी वित्तीय समस्याओं से जूझ रहे हैं. हाल ही में किए गए एक सर्वे के अनुसार, गिग इकोनॉमी में तेजी से उभार आया. कई बड़ी कंपनियां तेजी से आगे बढ़ीं लेकिन, कर्मचारी आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं. इस सर्वे में 40 शहरों के 2000 से ज्यादा गिग वर्कर्स की राय ली गई.


जोमाटो, स्विगी और अमेजन जैसी कंपनियों में काम कर रहे गिग वर्कर्स 


बोरजो (Borzo) के द्वारा किए गए सर्वे में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता और चेन्नई समेत कई टियर 1, टियर 2 और टियर 3 शहर शामिल किए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 78 फीसदी गिग वर्कर साल में 2.5 लाख रुपये तक नहीं कमा पा रहे हैं. इनमें से ज्यादातर कर्मचारी जोमाटो (Zomato), स्विगी (Swiggy), ऊबर (Uber) और अमेजन (Amazon) जैसी बड़ी कंपनियों में काम करते हैं. बोरजो के एमडी यूजीन पैनफिलोव (Eugene Panfilov) ने कहा कि जब लोग टैक्स भरने लायक पैसा ही नहीं कमा रहे हैं तो उन्हें फाइनेंशियल प्लानिंग की ज्यादा समझ कैसे हो सकती है. ये सभी अपने रोजमर्रा के खर्चे पूरा करने में ही जुटे रहते हैं. 


परमानेंट कर्मचारी नहीं होने की वजह से नहीं मिल पाते कई लाभ 


सर्विस सेक्टर में शॉर्ट टर्म या टेम्पररी कमा करने वाले लोगों को गिग वर्कर कहा जाता है. चूंकि, ये लोग किसी भी कंपनी के परमानेंट कर्मचारी नहीं होते इसलिए उन्हें कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ भी नहीं मिलते हैं. सर्वे में पता चला है कि लगभग 61 फीसदी गिग वर्कर को इनकम टैक्स स्लैब की जानकारी नहीं है. सिर्फ 33.5 फीसदी गिग वर्कर ही इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं. रिटर्न फाइल करने वालों में भी 66 फीसदी जीरो रिटर्न ही भर रहे हैं. सर्वे में शामिल आईटीआर न भरने वाले 42 फीसदी लोगों ने इच्छा जताई कि वह टैक्स भरना चाहते हैं. 


देश में लगभग 70 लाख गिग वर्कर, तेजी से बढ़ेगा यह आंकड़ा 


सर्वे से पता चला है कि गिग वर्कर में से सिर्फ 23 फीसदी ही 500 से 1000 रुपये के बीच में म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं. साथ ही सिर्फ 26 फीसदी ही स्टॉक मार्केट में निवेश कर रहे हैं. नीति आयोग (Niti Aayog) के अनुसार, देश में लगभग 70 लाख गिग वर्कर हैं. साल 2030 तक यह आंकड़ा 2.5 करोड़ तक पहुंच सकता है. बोरजो के पिछले साल किए गए सर्वे में पता चला है कि इन गिग वर्कर में से 38 फीसदी 12वीं पास है. इसके अलावा बीए, बीकॉम और बीएससी किए हुए 29 फीसदी लोग हैं.


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