Global Recession: मंदी की आशंकाओं के बीच भारत के लिए खुशखबरी! SBI चेयरमैन ने कहा- 'भारत पर अन्य देशों की तरह नहीं पड़ेगा मंदी का असर'
Global Recession Effects: एसबीआई चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि दुनिया के मुकाबले भारत की स्थिति बहुत बेहतर है. इसके साथ ही देश में महंगाई (Inflation in India) बाकी देशों की तुलना में बहुत कम है.
Recession in India: रूस-यूक्रेन युद्ध, सप्लाई चेन में परेशानियां और दुनिया भर में बढ़ती महंगाई के कारण अर्थशास्त्री वैश्विक मंदी (Global Recession) की संभावनाएं जाता रहे हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये हैं कि भारत में इसका कितना असर पड़ेगा. इस मामले पर जवाब देते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) के चेयरमैन दिनेश खारा (SBI Chairman Dinesh Khara) ने कहा कि भारत पर दूसरे देशों की तुलना में वैश्विक मंदी (Global Recession Effect on India) का असर कम पड़ने की संभावना है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस भारत की GDP की अनुमानित दर 6.8% है जो बाकी दुनिया की तुलना में बहुत बेहतर है.
भारत की स्थिति दुनिया से बेहतर
न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए दिनेश खारा ने कहा कि दुनिया के मुकाबले भारत की स्थिति बहुत बेहतर है. इसके साथ ही देश में महंगाई (Inflation in India) बाकी देशों की तुलना में बहुत कम है. उन्होंने आगे कहा कि भारत की GDP का एक बड़ा हिस्सा घरेलू डिमांड (Domestic Demands) पर निर्भर करता है. ऐसे में भारत में वैश्विक मंदी का प्रभाव पड़ेगा, लेकिन दुनिया की तुलना में भारत की स्थिति कई बेहतर होगी. इसके साथ ही उन्होंने बीटा फैक्टर पर बात करते हुए कहा कि यह भारत का बहुत कम रहेगा क्योंकि दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था निर्यात (Exports) पर ज्यादा निर्भर करती हैं.
दुनिया भर में महंगाई बढ़ने का कारण
देश और दुनिया में महंगाई बढ़ने के पीछे के कारण पर बात करते हुए एसबीआई के चेयरमैन ने कहा कि भारत में दुनिया के मुकाबले महंगाई बहुत कम बढ़ी हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वैश्विक महंगाई बढ़ने के पीछे सबसे बड़ा कारण है सप्लाई चैन टूटना. दुनिया भर में मांग में कोई कमी नहीं आई है लेकिन, रूस-यूक्रेन युद्ध, चीन का कोविड लॉकडाउन आदि कई कारणों से दुनियाभर की सप्लाई चेन पर विपरीत असर पड़ा है. इससे पिछले कुछ वक्त में पूरे विश्व में महंगाई देखी जा रही है.
भारत पर वैश्विक मंदी रहेगा कम असर
इससे पहले प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के मेंबर संजीव सान्याल ने भी 9 अक्टूबर को कहा था कि वित्तीय वर्ष 2022-23 भारत दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा. वैश्विक मंदी की आशंकाओं के बीच उन्होंने कहा कि भारत वित्त वर्ष 2022-23 के बीच 7% GDP के साथ बढ़ेगा. आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने हाल में भारत की GDP के अनुमान में 0.2% की कमी की है और अनुमान लगाया कि भारत इस वित्त वर्ष में 7.00% की विकास दर हासिल कर पाएंगा. वहीं विश्व बैंक ने भी भारत की विकास दर के अनुमान को 7.5% से घटकर 6.5% तक कर दी थी. रिजर्व बैंक द्वारा बढ़ाई जा रही ब्याज दरें और बढ़ती महंगाई GDP के अनुमान को कम करने के पीछे मुख्य कारण हैं.
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