Unemployment Estimate of ILO: वैश्विक स्तर पर बेरोजगारों की संख्या कम से कम 2023 तक कोविड-पूर्व के स्तर से ऊपर रहेगी. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल यानी 2022 में दुनियाभर में बेरोजगारों की संख्या 20.7 करोड़ रहेगी. यह 2019 की तुलना में 2.1 करोड़ अधिक है.
पूर्वानुमान को किया कम
जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने 2022 में श्रम बाजार में पुनरुद्धार के अपने पूर्वानुमान को नीचे किया है. आईएलओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर कार्य के घंटों में गिरावट 2019 की चौथी तिमाही की तुलना में 5.2 करोड़ पूर्ण रोजगार जितनी रहेगी. मई, 2021 में यह कमी 2.6 करोड़ पूर्ण रोजगार के बराबर रहने का अनुमान लगाया गया था.
बेरोजगारी को लेकर बड़ा कथन
आईएलओ की वैश्विक रोजगार और सामाजिक परिदृश्य रुझान रिपोर्ट- 2022 में कहा गया है कि वैश्विक श्रम बाजारों पर महामारी का असर जारी है. रिपोर्ट कहती है कि वैश्विक बेरोजगारी कम से कम 2023 तक कोविड-पूर्व के स्तर से ऊपर रहेगी.
भारत में बढ़ी रोजगार की समस्या
बता दें कि भारत में भी बेरोजगारी की समस्या बढ़ती जा रही है और इसको लेकर केंद्र से लेकर राज्य की सरकारों पर चिंता सवार है. राज्य सरकारों का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते वो काफी हद तक रोजगार मुहैया कराने में सक्षम नहीं हैं और इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए. वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि कई योजनाओं के जरिए देश की बेरोजगार जनता को रोजगार दिलाने के सारे प्रयास किए जा रहे हैं. सिर्फ सरकारी नौकरी के आंकड़ों को न देखकर देश में वैकल्पिक और असंगठित क्षेत्र में मिल रहे रोजगार के साधनों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए.
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