NCLT Extends Moratorium: कर्ज में फंसकर डूब चुकी गो फर्स्ट एयरलाइन (Go First Airline) को एक और लाइफलाइन दी गई है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने सोमवार को एयरलाइन का मोरेटेरियम 60 दिन के लिए बढ़ा दिया गया है. इससे गो फर्स्ट को कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रेजोलुशन प्रोसेस पूरा करने का और समय मिल जाएगा. एयरलाइन ने हाल ही में कोर्ट को जानकारी दी थी कि उसने 2 रेजोलुशन प्लान फाइनल कर दिए हैं. ट्रिब्यूनल ने एयरलाइन को आदेश दिया है कि वह रेजोलुशन प्लान को जल्द से जल्द फाइनल कर दे. अब कंपनी के पास निर्णय लेने के लिए 3 जून तक का समय है.
कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स ने दे दी थी मंजूरी
ट्रिब्यूनल ने बताया कि गो फर्स्ट एयरलाइन के स्टेकहोल्डर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है. गो फर्स्ट एयरलाइन को रेजोलुशन प्रोसेस पूरा करने के लिए अब तक 330 दिन का समय दिया जा चुका है. रेजोलुशन प्रोफेशनल ने एक्सटेंशन की मांग करने के लिए याचिका दाखिल की थी. इसे कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स ने 29 मार्च को मंजूरी दी थी. इस कमेटी में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा और आईडीबीआई बैंक शामिल हैं.
जल्द समाधान निकलने की उम्मीद
इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के अनुसार, एनसीएलटी अगर चाहे तो 330 दिन से ज्यादा का समय भी दे सकता है. हालांकि, ऐसा माना जा रहा है कि गो फर्स्ट एयरलाइन केस में एनसीएलटी अब और एक्सटेंशन देने के मूड में नहीं है. हालांकि, 2 रेजोलुशन प्लान होने के चलते ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इन 60 दिनों में गो फर्स्ट एयरलाइन कोई न कोई समाधान निकाल लेगी.
स्पाइसजेट और स्काई वन ने दिया है प्रस्ताव
दरअसल बंद पड़ी गो फर्स्ट एयरलाइन को खरीदने के लिए स्पाइसजेट (SpiceJet) के अजय सिंह (Ajay Singh) और बिजी बी (Busy Bee) के अलावा शारजाह की कंपनी स्काई वन एविएशन (Sky One Aviation) ने भी प्रस्ताव दिया है.
3 मई से ही बंद पड़ी है एयरलाइन
वाडिया ग्रुप के नेतृत्व वाली एयरलाइन ने 2 मई, 2023 को इनसॉल्वेंसी फाइल की थी. एयरलाइन ने अपना परिचालन 3 मई, 2023 को बंद कर दिया था. कंपनी ने अपने फेल होने का कारण प्रैट एंड व्हिटनी (Pratt & Whitney) के खराब इंजनों को बताया था. तभी से एयरलाइन बंद पड़ी है और उसे कई कानूनी संकटों का सामना करना पड़ रहा है.
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