Go First Crisis: गो फर्स्ट की फ्लाइट्स इस तारीख तक रहेंगी कैंसिल, जानें क्या है अपडेट
Go First Crisis: गो फर्स्ट ने अब अपनी उड़ानें जून की इस तारीख तक के लिए रद्द कर दी हैं और इसके यात्रियों को अभी इसकी फ्लाइट्स में उड़ान भरने के लिए और इंतजार करना पड़ेगा.
Go First Crisis: संकट में फंसी एयरलाइन गो फर्स्ट ने अब अपनी उड़ानें चार जून तक रद्द कर दी हैं. गो फर्स्ट ने सबसे पहले तीन मई को अपनी उड़ानें बंद कर दी थीं. ताजा घोषणा के बाद किफायती सेवाएं देने वाली एयरलाइन की उड़ानें एक माह तक ठप रहेंगी. एयरलाइन ने दो मई को घोषणा की थी कि वह पांच मई तक तीन दिन के लिए अपनी उड़ानें रद्द कर रही है. एयरलाइन के भविष्य को लेकर अनिश्चितता के बीच यह कदम उठाया गया है.
एयरलाइन ने ट्वीट करके दी जानकारी
एयरलाइन ने मंगलवार को ट्वीट किया कि हमें यह सूचित करते हुए खेद है कि गो फर्स्ट की अनुसूचित उड़ानें चार जून, 2023 तक रद्द कर दी गई हैं. एयरलाइन ने कहा है कि यात्रियों को उनकी टिकट का पूरा पैसा वापस किया जाएगा. एयरलाइन ने कहा है कि वह जल्द बुकिंग फिर शुरू करेगी.
DGCA के साथ गो फर्स्ट कर रही है चर्चा
सोमवार को वित्तीय संकट से जूझ रही गो फर्स्ट ने DGCA के साथ बैठक करके एयरलाइंस के रिवाइवल प्लान को लेकर बातचीत की है. सोमवार को कंपनी के रिवाइवल के लिए गो फर्स्ट अधिकारियों ने DGCA के अधिकारियों के मुलाकात की है. इस बैठक में कंपनी को दोबारा खड़ा करने के प्लान पर बातचीत हुई.
वित्तीय संकट से जूझ रही गो फर्स्ट को विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने 30 दिन का वक्त दिया है. इस बीच में कंपनी को अपने रिवाइवल प्लान से लेकर फ्लाइट्स के ऑपरेशन तक की पूरी प्लानिंग करनी होगी. कंपनी अपनी उड़ानों को संचालित करने और उसे दोबारा शुरू करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है लेकिन अब 4 जून तक कंपनी के फ्लाइट ऑपरेशन्स रद्द रहेंगे.
क्या है गो फर्स्ट का वित्तीय संकट
गो फर्स्ट ने कैश संकट का हवाला देते हुए 3 मई, 2023 से अपनी फ्लाइट्स के संचालन को बंद कर दिया था. कंपनी ने इंजन प्रदान करने वाली अमेरिकन कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी के खराब इंजन को कंपनी की बदहाली के लिए जिम्मेदार ठहराया था. देश में सस्ती हवाई सेवा देने वाली कंपनी गो फर्स्ट (Go First Crisis) ने दिवालिया होने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के पास आवेदन किया. इसके बाद से ही एयरलाइंस के रिवाइवल के लिए NCLT और विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) लगातार कोशिश कर रहे हैं.
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