Go First: नागरिक उड्डयन क्षेत्र के रेग्युलेटर डीजीसीए ने गो फर्स्ट को डायरेक्ट या इनडायरेक्ट तरीके से हवाई टिकट बुकिंग करने पर फौरन रोक लगाने का आदेश दिया है. साथ ही डीजीसीए ने सुरक्षित, नियमित और भरोसेमंद तरीके से उड़ान भरने में असफल रहने पर  एयरक्रॉफ्ट रुल्स 1937 के नोटिस जारी किया है. डीजीसीए ने 15 दिनों के भीतर गो फर्स्ट से नोटिस का जवाब देने को कहा है. 


गो फर्स्ट के अचानक उड़ानें रद्द करने के फैसले और खुद को आईबीसी के तहत दिवालिया घोषित करने के लिए एनसीएलटी में आवेदन देने के चलते  डीजीसीए ने गो फर्स्ट को एयरप्रॉफ्ट रुल्स 1937 के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया है. डीजीसीए का मामना है कि एक भरोसेमंद सर्विस प्रोवाइडर के तौर पर अपनी भूमिका को अदा करने में एयरलाइंस विफल रहा है. 


इस नोटिस के मिलने के 15 दिनों के भीतर गो फर्स्ट से नोटिस का जवाब देने को कहा गया है. गो फर्स्ट के एयर ऑपरेटर्स सर्टिफिकेट (Air Operators Certificate) को जारी रखने के एयरलाइंस के जवाब के आधार पर तय किया जाएगा. ऐसे में डीजीसीए ने अगले आदेश तक गो फर्स्ट से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर की जा रही है हवाई टिकट की बुकिंग को बंद करने को कहा है. 


वित्तीय संकट का सामना कर रही गो फर्स्ट एयरवेज ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल से उसके दिवालिया घोषित करने के लिए लगाये गए अर्जी पर जल्द फैसला देने का अनुरोध किया है. एयरलाइंस ने एनसीएलटी को बताया जल्द फैसला नहीं दिया गया तो लीज पर विमान देने वाली कंपनियां विमान वापस ले लेंगी. इससे पहले गो फर्स्ट के सीईओ ने कहा था कि एनसीएलटी लीज पर दिए विमानों को वापस लेने पर रोक लगा देती है तो एयरलाइंस 7 दिनों में फिर से उड़ान शुरू कर सकती है.  गो फर्स्ट के दिवालिया घोषित करने के अंतरिम आदेश देने की मांग पर ट्रिब्यूनल ने अपना फैसला सुरक्षित रखा हुआ है.   


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