Go First Suspend Flights: नगदी के अभाव में गो फर्स्ट एयरलाइंस ने 3 और 4 मई को रद्द की अपनी उड़ानें
Go First News: जुलाई 2022 में पहली बार गो फर्स्ट को अपने प्लेन को ग्राउंड करना पड़ा था तब से एयरलाइंस में उड़ान भरने वाले यात्रियों की संख्या में बड़ी गिरावट आई है.
Go First Suspend Flights: 3 और 4 मई को जिन हवाई यात्रियों ने गो फर्स्ट एयरलाइंस में टिकट बुक कराया हुआ है उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. गो फर्स्ट ने 3 और 4 मई को उड़ान भरने वाले फ्लाइट्स को रद्द कर दिया है. तेल कंपनियों के बकाये का भुगतान नहीं कर पाने के चलते एयरलाइंस ने ये फैसला किया है.
इकोनॉमिक टाईम्स के रिपोर्ट के मुताबिक एक ऑयल मार्केटिंग कंपनी के अधिकारी ने बताया कि गो फर्स्ट कैश एंड कैरी मोड पर ऑपरेट कर रहा है. यानि एयरलाइंस को हर दिन के हिसाब से जितनी उड़ान भरनी है उसके मुताबिक हवाई ईंधन के लिए भुगतान करना पड़ता है. एयरलाइंस इस बात पर सहमत है कि भुगतान नहीं किए जाने पर वेंडर बिजनेस को बंद कर सकता है.
गो फर्स्ट एयरलाइन का कैश फ्लो गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है. एयरलाइंस के आधे से ज्यादा हवाई जहाज उड़ान नहीं भर पा रही क्योंकि एयरबस ए320 नियो विमानों के लिए प्रैट एंड व्हिटनी इंजनों की सप्लाई नहीं कर पा रही है जो एयरबस ए320 नियो विमानों को शक्ति प्रदान करती है. गो फर्स्ट एयरलाइन स्ट्रैटजिक निवेशकों की तलाश कर रही है साथ ही एयरलाइंस में निवेश के लिए कई निवेशकों से बात भी कर रही है.
गो फर्स्ट एयरलाइंस ने प्रैट एंड व्हिटनी के खिलाफ अमेरिका के डेलावेयर फेडरल कोर्ट में मुकदमा दाखिल कर रखा है. एयरलाइंस ने अपनी अर्जी में प्रैट एंड व्हिटनी को इंजन सप्लाई करने के लिए निर्देश देने की मांग की है. ऐसा नहीं होने पर एयरलाइंस को बंद करने का भी जोखिम है. 30 मार्च को गो फर्स्ट के हक में फैसला भी सुनाया गया था.
31 मार्च तक गो फर्स्ट के 30 विमान जमीन पर आ चुके हैं जो उड़ान नहीं भर पा रहे. जिसमें से नौ के लिए लीज पेमेंट का भुगतान बकाया है. गो फर्स्ट के पास 61 एयरक्रॉफ्ट है जिसमें 56 A320neos और 5 A320ceos मौजूद है. गो फर्स्ट संकट में तब है जब देश में हवाई यात्रा की मांग बढ़ी है और एयर फेयर आसमान छू रहा है. इस गर्मी के मौसम में एयरलाइंस ने 1538 फ्लाइट्स प्रति हफ्ते उड़ान भरने का लक्ष्य रखा है जो बीते वर्ष के मुकाबले 40 कम है.
गो फर्स्ट का मार्केट शेयर मई 2022 में 11.1 फीसदी था जो घटकर 8 फीसदी रह गया है. एयरलाइंस में उड़ान भरने वाले यात्रियों की संख्या 12.7 लाख से घटकर 9,63,000 रह गई है. यात्रियों की संख्या में गिरावट के चलते वित्तीय प्रदर्शन पर असर पड़ा है.
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