गोल्ड खरीदने जा रहे हैं तो पैन और आधार तैयार रखें, ज्वैलर्स मांगने लगे हैं KYC डॉक्यूमेंट
दरअसल गोल्ड को छोड़ किसी भी एसेट की खरीदारी के लिए केवाईसी की कोई जरूरत नहीं होती है. लेकिन अगर आप दो लाख रुपये या उससे अधिक का गोल्ड खरीदते हैं तो केवाईसी की जरूरत पड़ती है.
अगर नए साल में आप गोल्ड खरीदने जा रहे हैं तो पैन और आधार कार्ड तैयार रखें. ज्वैलर्स ने दो लाख से नीचे की गोल्ड खरीदारी पर भी पैन और आधार कार्ड मांगना शुरू कर दिया है. उन्हें लग रहा है कि सरकार बजट में दो लाख से कम की गोल्ड की खरीदारी के लिए भी केवाईसी को अनिवार्य कर सकती है. उन्हें लग रहा है कि गोल्ड के लिए कैश ट्रांजेक्शन के ट्रैक करने के लिए सरकार इसे जरूरी बना सकती है.
गोल्ड को भी स्टॉक, म्यूचुअल फंड और रियल एस्टेट कैटेगरी में लाने की कवायद
ज्वैलर्स को लग रहा है कि सरकारी एजेंसियां मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून के तहत संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाने के लिए सख्ती कर सकती है. दरअसल गोल्ड को छोड़ किसी भी एसेट की खरीदारी के लिए केवाईसी की कोई जरूरत नहीं होती है. लेकिन अगर आप दो लाख रुपये या उससे अधिक का गोल्ड खरीदते हैं तो केवाईसी की जरूरत पड़ती है. सरकार गोल्ड को भी स्टॉक, म्यूचुअल फंड और रियल एस्टेट जैसी एसेट कैटगरी में रखना चाहती है.
सरकार समग्र गोल्ड पॉलिसी बनाने की तैयारी में
सरकार कीमती धातुओं को एसेट क्लास में लाने के लिए एक व्यापक गोल्ड पॉलिसी बनाने पर काम कर रही है. इसका मतलब यह है कि गोल्ड अब अन-डिस्क्लोज्ड एसेट कैटेगरी में नहीं होगा. इसे अब फेयर इनवेस्टमेंट और लग्जरी होल्डिंग की कैटेगरी में रखा जाएगा. भारत में हर साल 80 से 85 करोड़ टन गोल्ड की खपत होती है. इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन का कहना है कि पीएमएलए के तहत सिल्वर, गोल्ड और कीमती धातुएं बेचने वालों को फाइनेंशियल इंटेजिलेंस यूनिट में रिपोर्ट करनी होगी. पिछले साल 28 दिसंबर को गोल्ड ट्रेड को पीएमएलए के तहत लाया गया था.
विश्व बैंक ने कहा- 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.6 फीसदी गिरावट की आशंका
नए साल में भी हो सकती है IPO की बरसात, इस छमाही बाजार में आएंगे 6 आईपीओ