महंगा होने से फीकी पड़ी गोल्ड की चमक, डिमांड में 70 फीसदी की भारी गिरावट
भारत में गोल्ड की कीमत 53 हजार रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गई है और इस वजह से आम खरीदार इसे खरीद नहीं पा रहे हैं.
लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार न पकड़ पाने का फायदा सोना को मिल रहा है. सुरक्षित निवेश की वजह से निवेशकों की ओर से लगातार पैसा लगाने से गोल्ड आम लोगों के लिए काफी महंगा हो गया है. भारत में गोल्ड की कीमत 53 हजार रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गई है और इस वजह से आम खरीदार इसे खरीद नहीं पा रहे हैं. इसलिए इसकी रिटेल मांग में कम से कम 70 फीसदी की गिरावट देखी जा रही है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक अप्रैल जून-तिमाही में सोने की मांग घट कर 63.7 टन रह गई. एक साल पहले इसी अवधि में सोने की मांग 213.2 टन थी. जनवरी 2019 से सोने की कीमत में 60 फीसदी का इजाफा हो चुका है. वहीं जनवरी, 2020 से इसकी कीमत 20 फीसदी बढ़ चुकी है.
गोल्ड आयात में भारी गिरावट
गोल्ड में लेनदेन की वैल्यू में 57 फीसदी की गिरावट आई है. 2019 की अप्रैल-जून तिमाही में 62,420 करोड़ रुपये का गोल्ड ट्रांजेक्शन हुआ थ. लेकिन अप्रैल-जून, 2020 में सिर्फ 26,600 करोड़ रुपये के गोल्ड का ट्रांजेक्शन हुआ. इस बीच, गोल्ड ज्वैलरी की डिमांड में 74 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. गोल्ड आयात में भी 95 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. अप्रैल-जून, 2019 में देश में 247.4 टन सोने का आयात काय गया. लेकिन अप्रैल-जून,2020 में यह घट कर कर मात्र 11.6 टन रह गया.
महंगा होने से ज्वैलरी नहीं खरीद रहे लोग
सोना महंगा होने की वजह से भारत में इस वक्त लोग ज्वैलरी काफी कम खरीद रहे हैं. यानी इसकी खुदरा मांग कम हो गई है. लेकिन सांस्कृतिक वजहों से भारत में गोल्ड की खपत काफी ज्यादा है और यह इस मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कंज्यूमर है.गोल्ड की कीमत बढ़ने से भारत में ज्वैलरी डिमांड में जबरदस्त कमी आई है. रिलायंस सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट श्रीराम अय्यर के मुताबिक भारत में कुल सोने की मांग में 50 फीसदी हिस्सेदारी ज्वैलरी की है.