Gold Jewellery Demand: इंपोर्ट ड्यूटी घटने से त्योहारी सीजन में बढ़ेगी गोल्ड ज्वेलरी की डिमांड, वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की भविष्यवाणी
World Gold Council: वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने आगाह करते हुए कहा कि, अगर सोने की कीमतों में तेजी आई तो इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती का फायदा नहीं मिल जाएगा.
Gold Jewellery Demand In India: देश में सोने की ज्वेलरी की डिमांड (Gold Jewellery Demand ) में जोरदार उछाल आने की उम्मीद है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (World Gold Council) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, केंद्र सरकार ने अपने बजट में सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने का फैसला लिया है. इस फैसले के बाद इंपोर्टेड सोने की कीमतों में कमी आएगी जिससे देश में सोने की ज्वेलरी की डिमांड में तेजी लौट सकती है.
त्योहारी सीजन में बढ़ेगी ज्वेलरी डिमांड
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स (Gold Demand Trends) को साल 2024 की दूसरी तिमाही अप्रैल-जून के लिए रिपोर्ट जारी किया है. रिपोर्ट में वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने कहा है, हालिया घटनाओं में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 23 जुलाई, 2024 को पेश किए गए बजट 2024 (Budget 2024) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman) ने गोल्ड बार (Gold Bar) पर इंपोर्ट ड्यूटी (Import Duty) को 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी, और गोल्ड डोर (Gold Dore) पर 14.35 फीसदी से घटाकर 5.35 फीसदी कर दिया है. इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती का फैसला 24 जुलाई, 2024 से लागू हो चुका है और इसका बड़ा असर 2024 की तीसरी तिमाही में सोने की ज्वेलरी की डिमांड में बढ़ोतरी के तौर पर देखने को मिलेगा.
सोने के दाम घटने से उपभोक्ताओं को लाभ
गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स पर अपनी रिपोर्ट में वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने कहा, इंपोर्ट ड्यूटी में कमी के फैसले से आयातित सोने के दामों में कमी आएगी जिसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा. इस त्योहारी सीजन के शुरू होने से पहले ही सोने की ज्वेलरी की कीमतों में गिरावट का सिलसिला शुरू हो जाएगा.
शानदार मानसून के चलते भी बढ़ेगी डिमांड
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, देश में शानदार मानसून के चलते घरेलू अर्थव्यवस्था में तेजी सकारात्मक तेजी देखने को मिलेगी और तीसरी तिमाही में इससे डिमांड को सपोर्ट मिलेगा. हालांकि अपनी रिपोर्ट में वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने सोने की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर आगाह भी किया है. अपनी रिपोर्ट में वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने चेतावनी देते हुए कहा है कि, सोने की कीमतों में अगर तेजी लौटती है तो सोने पर कस्टम ड्यूटी में कटौती के फैसले का पॉजिटिव इफेक्ट बेकार हो जाएगा. हालांकि ये तात्कालिक रहेगा जब तक कस्टमर्स नई और ऊंची कीमतों को स्वीकार ना कर लें.
महंगे सोने के चलते ज्वेलरी डिमांड पर पड़ा असर
रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल से जून तिमाही में सोने की कीमतों में उछाल का असर भारत में गोल्ड ज्वेलरी डिमांड पर पड़ा है और ये 17 फीसदी की गिरावट के साथ घटकर 107 टन रह गया है. कोविड प्रभावित 2021 की दूसरी तिमाही के बाद ये सबसे कम है. रिपोर्ट में कहा गया है कि, मई में कीमतों में में भारी तेजी देखने को मिली थी जो कि जून में थोड़ी सुस्त पड़ गई. इसके बावजूद 70,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के मनोवैज्ञानिक लेवल से ऊपर कीमत बना रहा.
लोकसभा चुनाव और हीटवेव से भी डिमांड पर असर
सोने की कीमतों में तेजी के अलावा दूसरे कारण भी कमजोर डिमांड के लिए जिम्मेदार हैं जिसमें अप्रैल के मध्य से लेकर जून के पहले हफ्ते तक चला लोकसभा चुनाव शामिल है. चुनावों के चलते गोल्ड ज्वेलरी डिमांड कम देखने को मिली है तो हीटवेव भी इसके लिए जिम्मेदार है. हालांकि मई में अक्षय तृतीया के दौरान गोल्ड ज्वेलरी में तेजी देखने को मिली लेकिन ये तेजी छोटी अवधि के लिए ही था.
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