दिवाली, धनतेरस,ओणम जैसे शुभ अवसरों पर भारत में सोना खरीदना शुभ माना जाता है लेकिन निवेश के लिहाज से भी यह शानदार प्रदर्शन करने वाला एसेट है. गोल्ड ने किसी भी परिस्थिति में अपने निवेशकों को निराश नहीं किया है. एक मोटे अनुमान के मुताबिक पिछले दस साल में गोल्ड पर रिटर्न 10.7 फीसदी रहा और 15 साल में 11.9 फीसदी.
पांच साल में 34 फीसदी बढ़ गई गोल्ड की कीमत
पिछले कुछ सालों से गोल्ड के दाम बढ़े हैं लेकिन रिटर्न के लिहाज से भी इसकी चमक और बढ़ी है. जिन लोगों ने 30 से 35 हजार रुपये (10 ग्राम) के रेट पर सोना खरीदा था उन्हें अब 50 से 52 हजार रुपये तक का रेट मिल रहा है. पिछले कुछ समय में रिटर्न में इतनी जबरदस्त उछाल किसी एसेट क्लास में नहीं आई है.भारत में फिलहाल ज्वैलरी की डिमांड थोड़ी कम हुई हो लेकिन यह अस्थायी ट्रेंड है. दूसरी ओर गोल्ड ईटीएफ की मांग बढ़ी है. सरकार के गोल्ड बॉन्ड में सब्सक्रिप्शन बढ़ा है और सिक्कों और गोल्ड बार की बिक्री में इजाफा हुआ है. पिछले पांच साल में सोने की कीमत में 34 फीसदी का भारी इजाफा हुआ है. ऐसे में भला कौन गोल्ड में निवेश से इनकार कर सकता है.
फिजिकल गोल्ड खरीदना भी काफी फायदेमंद
फिजिकल गोल्ड खरीदना भी फायदेमंद हैं. त्योहारों और दूसरे शुभ अवसरों पर खरीदा गया सोना तुरंत लिक्विडिटी के हिसाब से जबरदस्त निवेश है. गोल्ड में इनवेस्टमेंट लिक्विडिटी के हिसाब से सबसे अच्छा निवेश माना जाता है. इसे किसी भी वक्त भुना कर कैश हासिल किया जाता है. कमोडिटी मार्केट के विश्लेषकों का मानना है कि गोल्ड के दाम में अभी और मजबूती आएगी. अमेरिकी राहत पैकेज के बाद डॉलर में और मजबूती आएगी. इससे दूसरी करंसी होल्डर के लिए सोना महंगा होगा. ग्लोबल मार्केट के ट्रेंड का असर भारत पर भी पड़ेगा और यहां भी गोल्ड महंगा होगा. ऐसे में अगर गोल्ड में निवेश बेहतरीन विकल्प हो सकता है.
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