Gold Jewellery: भारत में सोने को लेकर लोगों का क्रेज किसी से छुपा नहीं हैं. चाहे महिलाओं को गहनों के लिए प्रेम हो या पुरुषों का गोल्ड बार-गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड ईटीएफ जैसे निवेश विकल्पों में निवेश हो, हर साल देश में सोने की खरीदारी बढ़ती जा रही है. अब इस त्योहारी सीजन में सोने की बिक्री में और उछाल आने की उम्मीद और बढ़ गई है और इसके पीछे बड़ा दिलचस्प कारण है. क्रिसिल रेटिंग्स की ओर से सोमवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है कि इस साल सोना और गोल्ड ज्वैलरी खूब बिकेंगे और आप सोने की जमकर खरीदारी करेंगे जिससे ज्वैलर्स को भी बढ़िया फायदा होने का अनुमान है.


बजट में ही तैयार हो गई थी सोने की सुनहरी चाल की रूपरेखा- 4000 रुपये सस्ता हुआ था सोना


केंद्र सरकार ने बजट में गोल्ड पर लगने वाले इंपोर्ट ड्यूटी में जो भारी कटौती की थी उसके चलते ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर के ज्वेलर्स की आय में 22 से 25 फीसदी का उछाल आने का अनुमान है. पहले यह 17 से 19 फीसदी रहने का अनुमान था. चालू वित्त वर्ष में सालाना आधार पर ये गोल्ड ड्यूटी घटने का असर देखा जा सकता है कि लोग बड़ी संख्या में सोना खरीदने के लिए आगे आएंगे. इंपोर्ट ड्यूटी कम होने का असर मुनाफे पर दिखेगा, लेकिन ज्यादा रेवेन्यू के कारण रिटेलर्स का कैश फ्लो अच्छा हो जाएगा. इसके चलते मजबूत एक्सपेंशन देखने को मिल सकता है. बजट वाले दिन यानी 23 जुलाई को वित्त मंत्री ने सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती का एलान किया था और इसी दिन एमसीएक्स पर तथा अन्य बाजार में सोना 4000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक सस्ता हुआ था. बजट में इंपोर्ट ड्यूटी कटौती के बाद ये एक दशक के निचले स्तर पर आ गई थी.


क्रिसिल रेटिंग्स ने अपनी रिसर्च रिपोर्ट में कहा है कि देश के केंद्रीय बजट में इंपोर्ट ड्यूटी में भारी कटौती के बाद ऑर्गेनाइज्ड (संगठित) सोने के गहने बेचने वाले रिटेल सेलर्स को बड़ा फायदा होगा. इस वित्तीय वर्ष में ज्वैलर्स के राजस्व में 22-25 फीसदी की बढ़ोतरी या 500-600 बेसिस पॉइंट (बीपीएस) का इजाफा देखे जाने की उम्मीद है. 


क्रिसिल की गोल्ड आउटलुक पर रिपोर्ट क्या कहती है?



  1. क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में सर्राफा व्यापारियों या ज्वेलर्स की आय में उछाल की वजह के पीछे ज्यादा मात्रा में गोल्ड का बिकना है.

  2. इंपोर्ट ड्यूटी कम होने के बाद गोल्ड की कीमतों में काफी कमी आई है और आने वाले समय में इसका फायदा सर्राफा बाजार को होगा.

  3. सोने की कीमतों में आई अचानक कमी के कारण इन्वेंट्री में नुकसान तो आया लेकिन इसका असर काफी कम होगा क्योंकि इसके पीछे सोने की मांग में सुधार का समर्थन है.

  4. सोने और गोल्ड ज्वैलरी की डिमांड बढ़ने के चलते सोने की सप्लाई में भी बढ़त देखी जाने की उम्मीद है.

  5. क्रिसिल की रिपोर्ट में बताया गया कि ज्वैलर्स का ऑपरेशनल मुनाफा 40 से 60 बेसिस पॉइंट (0.40-0.60 फीसदी) कम होकर 7.1 फीसदी से 7.2 फीसदी रह सकता है.


क्रिसिल के मैनेजमेंट अधिकारियों का क्या है कहना?


क्रिसिल रेटिंग्स के डायरेक्टर हिमांक शर्मा ने कहा कि इंपोर्ट ड्यूटी का कम होना गोल्ड ज्वेलर्स के लिए मौका है. रिपोर्ट के मुताबिक ज्वैलर्स त्योहारी सीजन और आने वाले शादियों के सीजन के लिए गोल्ड का स्टॉक जमा कर लें. क्रिसिल रेटिंग्स के एसोसिएट डायरेक्टर गौरव अरोड़ा ने भी कहा कि इस वित्त वर्ष में ज्वेलर्स आरामदायक फाइनेंशियल मीट्रिक बनाए रखेंगे. उन्होंने आगे कहा कि ये हमारी पिछली उम्मीदों से बेहतर होंगे, जिससे क्रेडिट प्रोफाइल स्टेबल रहेगी.


क्रिसिल इनपुट IANS से भी


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