नई दिल्ली: अब से देश में सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी जाएगी. नए नियम के तहत ज्वैलरी विक्रेता 15 जनवरी 2021 से केवल 14, 18 और 22 कैरेट सोने से बने हॉलमार्क वाले आभूषण और स्वर्ण कलाकृतियां ही बेच सकेंगे. इसका उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना भी लगेगा. ऐसे में जब नियम बदल गए हैं तो आइए जानते हैं कि आखिर यह हॉलमार्क होता क्या है और क्या होती है सोने की हॉलमार्किंग ? इससे क्या फायदा होता है...आइए जानते हैं सबकुछ


हॉलमार्क क्या है ?


हॉलमार्क एक तरह से शुद्धता का प्रमाण है. सोने, चांदी या कीमती धातुओं पर हॉलमार्क का निशान होता है. दरअसल भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा गुणवत्ता के आधिकारिक निशान को हॉलमार्क कहते हैं. भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) उपभोक्ता मंत्रालय के तहत आता है. आभूषणों में मिलावट रोकने के लिए हॉलमार्किंग की व्यवस्था है. यह व्यवस्था बहुत पुरानी है. अलग -अलग देशों में हॉलमार्किंग की व्यवस्था भी अलग -अलग है. हॉलमार्क के आभूषण अंतरराष्ट्रीय मानक के होते हैं. हॉलमार्किंग के आभूषण की शुद्धता की गारंटी होती है. भारत में सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग की व्यवस्था वर्ष 2000 से सोने और चांदी के आभूषणों पर 2004 से लागू है लेकिन अभी तक भारत में आभूषणों पर हॉलमार्क के चिन्ह की अनिवार्यता नहीं थी.


कैसे पता लगेगा कि सोना शुद्ध है या नहीं


दरअसल सोने के गहने और कलाकृतियों पर BIS हॉलमार्क में कई घटक होते हैं, जैसे BIS का लोगो, परख केंद्र का लोगो, ज्वेलर्स का लोगो, निर्माण का साल आदि. इन निशानों की मदद से पता लगता है कि आभूषण शुद्ध है या नहीं.


नियमों की अनदेखी पर मिलेगी सख्त सजा


अब केंद्र सरकार के आदेश के बाद आज से देश भर में बीआईएस हॉलमार्क को अनिवार्य कर दिया गया है. इसके बाद ज्वैलर्स को एक साल की मोहलत दी जाएगी ताकि वह पुराने माल बेच सके. नियम लागू करने के बाद यदि कोई सर्राफा कारोबारी नियमों की अनदेखी करता है तो उसे एक साल की सजा और जुर्माने के तौर पर न्यूनतम एक लाख रुपये देने होंगे.


जान लीजिए कितने कैरेट सोने में कितनी शुद्धता होती है


अब चूकि नियम आज से लागू हो रहे हैं तो यह जानकारी आपको होनी चाहिए कि कितने कैरेट सोने में कितनी शुद्धता होती है..हालमार्क वाली ज्वैलरी पर हॉलमार्क का निशान और कुछ अंक जैसे 999, 916, 875 लिखे होते हैं. इन्ही अंको में आपके सोने की शुद्धता का राज छुपा होता है


-14 कैरेट में 58.3 प्रतिशत (583)
-18 कैरेट में 75 प्रतिशत (750)
-20 कैरेट में 83.3 प्रतिशत (833)
-22 कैरेट में 91.7 प्रतिशत (917)
24 कैरेट में 99.9 प्रतिशत (999)


फिलहाल 892 हॉलमार्किंग केंद्र हैं

फिलहाल, 234 जिला स्थानों में 892 आकलन एवं हॉलमार्किंग केंद्र हैं, और 28,849 आभूषण विक्रेताओं ने बीआईएस पंजीकरण लिया हुआ है. उन्होंने कहा, 'हमने सभी जिलों में हॉलमार्किंग केंद्र खोलने और इस एक साल में सभी आभूषण विक्रेताओं को पंजीकृत करने का लक्ष्य रखा है।' इसके बारे में जागरुकता अभियान चलाया जाएगा.