Gold Loan: सोने की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी का असर, 53 लाख किलो सोना गिरवी रखकर भारतीयों ने लिया गोल्ड लोन
Gold Loan Portfolio: गोल्ड लोन की डिमांड बढ़ी है लेकिन बैंकों के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो ने सरकार और वित्त मंत्रालय की चिंता भी बढ़ा दी है. गोल्ड लोन देने में नियमों की अनदेखी का मामला सामने आया है.
Gold Loan: 2020 में देश में कोरोना महामारी के दस्तक देने के बाद सभी प्रकार के लोन सस्ते हो गए थे जिसमें गोल्ड लोन भी शामिल है. तब सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक 7.50 फीसदी के दर पर गोल्ड लोन ऑफर कर रहा था. एक तरफ गोल्ड लोन सस्ते दर पर मिल रहा था तो सोने की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी देखी जा रही थी. तब सस्ते दर पर गोल्ड लोन का लोगों ने जमकर फायदा उठाया. बैंकिंग सेक्टर के रेग्यूलेटर भारतीय रिजर्व बैंक ने सोने को लेकर हाल ही में एक रिपोर्ट जारी किया है. रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय परिवारों ने 5300 टन यानि 53 लाख किलो सोना गिरवी रखकर वित्तीय संस्थानों से गोल्ड लोन लिया है.
गोल्ड लोन लेने का बढ़ा चलन
भारतीय परिवारों के पास 27,000 टन सोना होने का अनुमान है. जिसमें से करीब 20 फीसदी सोना बैंकों के पास गिरवी पड़ा है जिसपर लोगों ने गोल्ड लोन लिया है. 15 लाख करोड़ रुपये का देश में गोल्ड लोन का बाजार है जो सालाना 17 फीसदी के दर से ग्रोथ दिखा रहा है और अगले 5 वर्षों यानि 2029 तक इसके 12.22 फीसदी के दर से बढ़ने का अनुमान है. देश में गोल्ड लोन मार्केट में संगठित क्षेत्र की हिस्सेदारी केवल 40 फीसदी है जो कि 6 लाख करोड़ रुपये के करीब है. जबकि बाकी 60 फीसदी गोल्ड लोन बाजार पर असंगठित क्षेत्र का कब्जा है. यानि देश में ज्यादातर लोग गोल्ड लोन के लिए अभी भी सुनार या साहूकारों पर निर्भर हैं. कुल 9 लाख करोड़ रुपये के गोल्ड लोन मार्केट पर इनका कब्जा है.
गोल्ड लोन पोर्टफोलियो ने बढ़ाई सरकार की चिंता
गोल्ड लोन की डिमांड बढ़ी है लेकिन बैंकों के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो ने सरकार और वित्त मंत्रालय की चिंता भी बढ़ा दी है. सरकार ने बैंकों की ओर से गोल्ड लोन देने में रेग्यूलेटरी नियमों के अनुपालन में उल्लंघन का मामला पाया है. हाल ही में वित्त मंत्रालय ने सभी सरकारी बैंकों को गोल्ड लोन पोर्टफोलियो के समीक्षा करने के आदेश दिए हैं. डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज ने सभी सरकारी बैंकों के प्रमुखों को गोल्ड लोन के तौर तरीकों और प्रोसेस की समीक्षा करने को कहा है. गोल्ड लोन अकाउंट की फीस और ब्याज में खामियों को बैंकों से दूर करने को कहा गया है. पर्याप्त मात्रा में गिरवी रखे बिना गोल्ड लोन देने का मामला सामने आया है. डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज ने एक जनवरी 2022 से लेकर 31 जनवरी 2024 तक के बीच दिए गए गोल्ड लोन को रिव्यू करने को कहा है.
सोना रिकॉर्ड हाई पर
सोने के दाम रिकॉर्ड हाई पर ट्रेड कर रहा है. सोना 67,450 रुपये के रिकॉर्ड लेवल पर है और आने वाले दिनों में 70,000 रुपये तक जाने के आसार हैं. सोने के दामों में तेजी के बाद गोल्ड लोन लेने की प्रवृति में बढ़ोतरी देखी जाती है. सोने के दाम बढ़ने पर कम सोना गिरवी रखकर ज्यादा गोल्ड लोन लिया जा सकता है जिसे लोग लगातार भूनाते रहे हैं जिसके चलते गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में इजाफा देखा गया है.
बैंकों ने जमकर बांटे गोल्ड लोन
31 दिसंबर 2023 तक एसबीआई का गोल्ड लोन पोर्टफोलियो 30,881 करोड़ रुपये का रहा है. पंजाब नेशल बैंक का 5315 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा का 3682 करोड़ रुपये का गोल्ड लोन पोर्टफोलियो है. आरबीआई के नियमों के मुताबिक बैंक या फिर एनबीएफसी सोने की जिवैलरी के कुल वैल्यू का 75 फीसदी तक गोल्ड लोन दे सकते हैं.
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