Gold Loan Rates: फौरन चाहिए पैसे, तो गोल्ड लोन है शानदार विकल्प! पर समझिए क्या है बुलेट रिपेमेंट और इंट्रेस्ट रेट
Gold Loan Rates 2025: गोल्ड लोन के लिए ज्वेलरी या दूसरे गोल्ड आइटम बैंक या लोन देने वाली दूसरी एजेंसी के पास गिरवी रखनी पड़ेगी. लोन चुका देने के बाद आपको गिरवी रखी ज्वेलरी वापस मिल जाएगी.
Gold Loan Interest Rate: आपको अभी पैसे की तुरंत जरूरत है और डर है कि बैंक या दूसरे फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से लोन लेने में कई दिन लग सकते हैं और आपका काम खराब हो सकता है. ऐसी स्थिति में आप गोल्ड लोन का सहारा ले सकते हैं. इसके लिए आपको अपने घऱ की ज्वेलरी या दूसरे गोल्ड आइटम बैंक या लोन देने वाली दूसरी एजेंसी के पास गिरवी रखनी पड़ेगी. लोन चुका देने के बाद आपको गिरवी रखी ज्वेलरी वापस मिल जाएगी. गोल्ड लोन के लिए हर तरह के गोल्ड को गिरवी नहीं रखा जा सकता है. अधिकतर बैंक केवल ज्वेलरी को ही गिरवी रखते हैं. इसकी शुद्धता 18 कैरेट से 22 कैरेट के बीच होनी चाहिए. एसबीआई गोल्ड लोन के लिए सोने के आभूषण समेत बैंकों की ओर से बेचे जाने वाले सोने के सिक्कों को भी स्वीकार किया जाता है. इसे चुकाने के लिए या तो बैंकों की ओर से ईएमआई तय कर दी जाती है या फिर तीन महीने, छह महीने या 12 महीने का बुलेट रिपेमेंट सिस्टम तय किया जाता है.
गोल्ड लोन में क्या होता है बुलेट रिपेमेंट
बुलेट रिपेमेंट सिस्टम के तहत सूद समेत पूरा लोन एकबार में चुका कर गिरवी रखी ज्वेलरी या गोल्ड वापस ले लिया जाता है. एचडीएफसी बैंक की वेबसाइट के मुताबिक, आपको इसके तहत मंथली ईएमआई के जरिए गोल्ड लोन चुकाने की जरूरत नहीं होती है. लोन टर्म के बाद आपको पूरे लोन की सूद के साथ एकमुश्त रकम जमा करनी होती है. हालांकि लोन का इंट्रेस्ट मंथली बेसिस पर ही कैलकुलेट किया जाता है. बुलेट रिपेमेंट का पीरियड तीन महीने, छह महीने या सालभर का होता है.
मुथूट का इंट्रेस्ट रेट सबसे ज्यादा, कोटक महिंद्रा का सबसे कम
गोल्ड लोन लेते वक्त आपके लिए यह जानना जरूरी है कि किस बैंक के गोल्ड लोन की क्या रेट है. कोटक महिंद्रा सबसे कम 0.88 फीसदी फिक्स्ड इंट्रेस्ट रेट हर महीने लेता है. वहीं मुथूट फाइनेंस 22 फीसदी सालाना का इंट्रेस्ट रेट लेता है, हालांकि मंथली पेमेंट होने पर दो फीसदी की रिबेट दी जाती है. कम इंट्रेस्ट रेट वाले गोल्ड लोन में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के 8.40 फीसदी से 9.50 फीसदी, यूको बैंक के 8.50 फीसदी, इंडियन बैंक के 8.80-9 फीसदी, फेडरल बैंक के 8.9 फीसदी, केनरा बैंक के 9 फीसदी और स्टेट बैंक के 9 फीसदी और उससे अधिक हैं.
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