Gold Loan: क्यों घर के जेवर बैंकों में गिरवी रख रहे हैं देश के किसान? इक्रा ने बताई ये चौंकाने वाली बात
Gold Loan for Farming: गोल्ड लोन का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. इक्रा की हालिया रिपोर्ट गोल्ड लोन मार्केट के बारे में कुछ दिलचस्प बातें बताती है...
अचानक कोई इमरजेंसी आने या कोई बड़ी जरूरत पड़ने पर अक्सर लोग लोन का सहारा लेते हैं. ऐसी परिस्थितियां बनने पर बहुत सारे लोग गोल्ड लोन का रुख करते हैं, जिसके चलते भारत में गोल्ड लोन का बड़ा बाजार तैयार हो गया है. गोल्ड लोन के बाजार में लगातार तेजी आ रही है और इसमें देश के किसानों का भी बड़ा योगदान है.
इतना बड़ा होने वाला है बाजार
घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने गोल्ड लोन के बाजार पर हाल ही में एक रिपोर्ट तैयार की है. उस रिपोर्ट में गोल्ड लोन से जुड़ी कई दिलचस्प बातें पता चलती हैं. जैसे इक्रा का कहना है कि भारत में गोल्ड लोन का बाजार इसी वित्त वर्ष में 10 लाख करोड़ रुपये के पार निकल जाएगा. वहीं मार्च 2027 तक गोल्ड लोन के बाजार का आकार बढ़कर 15 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंचने का अनुमान है.
सिर्फ ऑर्गेनाइज्ड गोल्ड लोन का आंकड़ा
इक्रा का यह अनुमान सिर्फ ऑर्गेनाइज्ड गोल्ड लोन मार्केट के बारे में है. ऑर्गेनाइज्ड गोल्ड लोन का मतलब वैसे लोन से है, जिनमें लोग बैंकों या एनबीएफसी के पास सोना गिरवी रखकर लोन लेते हैं. उससे इतर अनऑर्गेनाइज्ड गोल्ड लोन का भी बड़ा बाजार है, जिसके दायरे में लोकल सर्राफा कारोबारियों या साहूकारों के पास सोना गिरवी रखकर उठाए गए लोन आते हैं.
किसानों के दम पर आगे हैं बैंक
इक्रा की रिपोर्ट बताती है कि गोल्ड लोन के इस विशाल बाजार में किसानों की बड़ी हिस्सेदारी है. किसान खास तौर पर बैंकों में सोना गिरवी रख रहे हैं और कृषि लोन ले रहे हैं. इसके चलते गोल्ड लोन के ऑर्गेनाइज्ड बाजार में बैंकों की भूमिका सबसे अहम बनी हुई है. बैंकों से इतर एनबीएफसी को रिटेल गोल्ड लोन से मदद मिल रही है.
क्यों लोगों को पसंद आते हैं गोल्ड लोन?
दरअसल सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड दो तरह के लोन होते हैं. जब कर्ज के बदले कोई एसेट गिरवी रखी जाती है तो उसे सिक्योर्ड लोन कहते हैं. बहुत से लोग सिक्योर्ड लोन लेना पसंद करते हैं क्योंकि इसमें ब्याज दर कम होती है और लोन की रकम ज्यादा मिलती है. सिक्योर्ड लोन देते समय बैंक आमतौर सोना, सिक्योरिटीज, प्रॉपर्टी जैसे एसेट गिरवी रखते हैं. यही कारण है कि लोगों को जरूरत पड़ने पर गोल्ड लोन लेना ज्यादा आसान लगता है. लोन की रकम गिरवी रखे जा रहे सोने के बाजार मूल्य के आधार तय होती है. बाजार मूल्य का करीब 75 फीसदी तक लोन के रूप में मिल जाता है.
इस तरह से बढ़ रहा है गोल्ड लोन का बाजार
आरबीआई की एक रिपोर्ट बताती है कि गोल्ड लोन खासकर जेवर गिरवी रखकर लिए जाने वाले लोन में हाल-फिलहाल काफी तेजी आई है. चालू वित्त वर्ष में जेवर के बदले लिए जाने वाले गोल्ड लोन में 29 फीसदी की बड़ी तेजी आई है. यह आंकड़ा जुलाई तक का है. जुलाई 2023 से जुलाई 2024 तक की एक साल की अवधि के दौरान इस तरह के लोन में सालाना आधार पर 39 फीसदी की बड़ी तेजी आई है. जेवर के बदले लिए जाने वाले एग्रीकल्चर लोन की बात करें तो वित्त वर्ष 2019-20 से वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान उसमें सालाना 26 फीसदी की रफ्तार से बढ़ोतरी देखी गई है. यह बताता है कि हालिया सालों में किसानों ने बैंकों के पास घर के गहने जेवर रखकर ज्यादा कर्ज उठाया है.
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