Gold Loan: गोल्ड लोन पोर्टफोलियो का रिव्यू करें सभी सरकारी बैंक, वित्त मंत्रालय का आया हुकुम
Finance Ministry Advisory: वित्त मंत्रालय ने बैंकों से गोल्ड लोन में विसंगतियों को जल्द से जल्द दूर करने का निर्देश दिया है. हाल ही में आईआईएफएल फाइनेंस पर गोल्ड लोन बांटने की रोक लगी थी.
Finance Ministry Advisory: वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने गोल्ड लोन पोर्टफोलियो का रिव्यू करें. गोल्ड लोन देने में रेगुलेटरी नियमों के उल्लंघन के चलते यह निर्देश दिए गए हैं. पिछले महीने ही सरकार ने सभी सरकारी बैंकों से कहा है कि वह फीस कलेक्शन, ब्याज और गोल्ड लोन अकाउंट को बंद करने में हो रही विसंगतियों को जल्द से जल्द दूर कर लें. यह निर्देश पिछले महीने ही जारी जारी कर दिए गए थे.
गोल्ड लोन के संबंध में कई शिकायतें सामने आईं
फाइनेंस मिनिस्ट्री ने सभी सरकारी बैंकों से कहा है कि गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में आ रही नियामकीय दिक्क्तों को तुरंत दूर लें. डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज (DFS) ने पब्लिक सेक्टर बैंकों के प्रमुखों को भेजे पत्र में कहा है कि वह गोल्ड लोन से जुड़े सिस्टम और प्रक्रिया को दुरुस्त कर लें. फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्रेटरी विवेक जोशी ने पीटीआई को बताया कि हमने पब्लिक सेक्टर बैंकों से तुरंत व्यापक रिव्यू शुरू करने को कहा है. गोल्ड लोन के संबंध में कई शिकायतें सामने आई हैं. इनमें पर्याप्त सोने के बिना लोन देना, फीस कलेक्शन और कैश में रीपेमेंट लेना शामिल हैं.
2 साल के दौरान बांटे गए गोल्ड लोन का रिव्यू करें बैंक
डीएफएस ने बैंकों से कहा है कि वह 1 जनवरी, 2022 से लेकर 31 जनवरी, 2024 तक 2 साल के दौरान बांटे गए गोल्ड लोन का रिव्यू करें. इससे पता चल सकेगा कि सभी गोल्ड लोन बैंकों और रेगुलेटरी नियमों के दायरे में बांटे गए या नहीं. गौरतलब है कि गोल्ड रेट तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. पिछले एक महीने में ही प्रति 10 ग्राम गोल्ड के रेट 63,365 रुपये से उछलकर 67,605 रुपये हो गए हैं. वित्त मंत्रालय के पत्र के अनुसार, गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में नियमों के साथ हेरफेर की जा रही थी. इसलिए मंत्रालय को यह कदम उठाना पड़ा.
आईआईएफएल फाइनेंस पर लगी थी रोक
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई का गोल्ड लोन पोर्टफोलियो दिसंबर, 2023 तक 30,881 करोड़ रुपये का था. इसके अलावा तीसरी तिमाही के अंत तक पीएनबी का यही आंकड़ा 5,315 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा का 3,682 करोड़ रुपये था. आरबीआई के नियमों के अनुसार, ज्वेलरी की 75 फीसदी कीमत तक ही गोल्ड लोन दिया जा सकता है. हालांकि, कोविड 19 के चलते इन नियमों में थोड़ी राहत दी गई थी. लोन टू वैल्यू रेश्यो को नॉन एग्रीकल्चर उद्देश्य के लिए 90 फीसदी तक बढ़ा दिया गया था. यह सुविधा 31 मार्च, 2021 तक के लिए दी गई थी. पिछले हफ्ते आरबीआई ने आईआईएफएल फाइनेंस पर गोल्ड लोन बांटने की रोक लगा दी थी.
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