Gold-Silver Outlook 2023: बुलियन मार्केट की चाल को देखकर एक बात साफ लगती है कि किसी रोलर कोस्टर राइड में इतने उतार और चढ़ाव नहीं आए होंगे जितने साल 2022 में बुलियन मार्केट या सर्राफा बाजार ने देख लिए हैं. सोने और चांदी दोनों कीमती मेटल्स ने निवेशकों को एकदम हैरान बनाकर रखा हुआ है. कॉमैक्स गोल्ड ने इस साल 1935 डॉलर का हाई बनाया और कॉमैक्स गोल्ड ने ही 1630 डॉलर का निचला स्तर भी देखा. वहीं चांदी ने कॉमैक्स पर 25 डॉलर का हाई वहीं 18 डॉलर का लो लेवल भी दिखाया. 


मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड की राय


मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के करेंसी एंड कमोडिटीज सेगमेंट के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट नवनीत दमानी का कहना है कि साल की शुरुआत से आज की तारीख के आधार पर देखें तो आंतरिक तौर पर दोनों ही कीमती धातुओं में सोने में 2 फीसदी की गिरावट और चांदी में 2 फीसदी की बढ़त का रिटर्न दिया है. अगर मेटल्स की अस्थिरता को देखें तो ये कुछ कारकों पर निर्भर करती है जैसे कि- डॉलर इंडेक्स में तेजी या मंदी, बॉन्ड यील्ड में उतार-चढ़ाव, दुनिया के सेंट्रल बैंकों द्वारा कड़ी मौद्रिक नीति, महंगाई के लगातार बढ़ते रहने का डर, भू-राजनीतिक तनाव आदि ने इस अस्थिरता को बढ़ाया है. हालांकि देश की घरेलू कहानी कुछ अलग है जिसमें मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर ज्यादा वृहद घटनाक्रम नहीं हुए जबकि घरेलू करेंसी रुपये में डॉलर के मुकाबले काफी ज्यादा गिरावट देखी गई. इसके अलावा सोने की बेसिक कस्टम ड्यूटी में 5 फीसदी तक का इजाफा देखा गया है और इसका असर भी सर्राफा बाजार पर आया.


साल 2022 की शुरुआत कैसी रही- क्या आया असर


साल 2022 की शुरुआत कोरोना महामारी के धीमे पड़ने के संकेतों के अलावा इससे महंगाई पर आने वाले असर के साथ हुई. हालांकि घटनाक्रम ने नाटकीय मोड़ ले लिया और रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ गया जिससे बाजारों में घबराहट छा गई. युद्ध ने सप्लाई चेन के मोर्चे पर चिंताएं बढ़ा दीं और इसके चलते ग्लोबल महंगाई दर में इजाफा होने लगा. महंगाई दर के बढ़ने के बीच दुनिया के प्रमुख केंद्रीय बैंकों ने अपनी मौद्रिक नीति को कड़ा करना चालू कर दिया. इस क्रम में उन्होंने ब्याज दरों में इजाफा करने का सिलसिला शुरू किया जिसे सबसे पहले बैंक ऑफ इंग्लैंड, इसके बाद फेडरल रिजर्व और हाल ही में बैंक ऑफ जापान ने भी आगे बढ़ाया. ये सभी बैंक अभी तक ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना तलाश रहे हैं लेकिन मौद्रिक नीति में ढील देने की गुंजाइश पर भी विचार कर रहे हैं. इस सब का असर ये हुआ कि डॉलर इंडेक्स में रैली (तेजी) का क्रम आने लगा और सेफ हैवन माने जाने वाले ऐसेट्स पर भी इसका असर देखा जाने लगा. 


महंगाई दर बढ़ने का दिखा असर


महंगाई दर का असर सारे वैश्विक बाजारों पर देखा गया और इसके असर को कम करने के लिए सारे केंद्रीय बैंक लगभग पूरी ताकत से लगे रहे और इसे अपनी सहनशक्ति के भीतर लाने के प्रयास करते रहे. इस साल की दूसरी छमाही तक आते-आते इनका फोकस विकास दर पर भी रहा क्योंकि कड़ी मौद्रिक नीतियों के असर से दुनिया की कई अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक मंदी का डर भी गहराने लगा. इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड, वर्ल्ड बैंक ने भी अगले साल की ग्रोथ के रेट को लेकर चिंताएं जताईं और इसका असर उनके कई विकास दर के पूर्वामुमान में कमी के तौर पर सामने आया. 


ETF ने दिया अच्छा रिटर्न


एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) ने जहां इस साल भी बाजार को निराश किया और इस क्रम में एसपीडीआर होल्डिंग्स ने इस साल तक 6 फीसदी का निगेटिव रिटर्न दिया है. वहीं समान रूप से चांदी की होल्डिंग्स ने भी 12 फीसदी का नकारात्मक रिटर्न दिया है. ध्यान देने वाली बात है कि बुलियन मार्केट के ओवरऑल सेंटीमेंट को उठाने के लिए ईटीएफ में तेजी आना भी बहुत महत्वपूर्ण है. हालांकि घरेलू मोर्चे पर गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ ने अच्छा प्रदर्शन किया है और गोल्ड ईटीएफ ने 12 फीसदी और सिल्वर ईटीईएफ ने 15 फीसदी का रिटर्न अपने निवेशकों को दिया है जो अच्छा कहा जा सकता है.


सोने और चांदी के लिए साल 2023 का आउटलुक क्या है-जानें


साल 2022 में बाजार में निवेशकों की भागीदारी में निश्चित तौर पर सुधार देखा गया है और ऐसा ही सोने और चांदी के बाजार को लेकर भी देखा गया है. हालांकि रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते महंगाई को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं और चीन में कोविड के केस फिर से बढ़ने के कारण भी आशंकाएं बढ़ गई हैं. बाजार के ऊपर इसका असर आएगा और इस बोझ को लेकर निवेशक अगले साल प्रवेश करेंगे. इसके अलावा अगले साल बाजार के पार्टिसिपेंट्स (भागीदार) केंद्रीय बैंकों की मौद्रिक नीति के नजरिए के ऊपर फोकस करेंगे. डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड की हलचलों पर भी निवेशक ध्यान देंगे. गोल्ड/सिल्वर अनुपात में हाल के समय में 97 के बजाए 75 तक की गिरावट देखी गई है जो सिल्वर की तेजी के सहारे आई है. चांदी के लिए हम कह सकते हैं कि ग्रीन टेक्नोलॉजी और औद्योगिक मांग ज्यादा आने के कारण चांदी की कीमतों में तेजी जारी रह सकती है.


कहां तक जाएंगे सोने और चांदी के दाम


साल 2022 की शुरुआत से हमने ये माना था कि चांदी सोने से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन कर सकती है और इनकी कीमतों की तुलना करने पर हम ऐसा साफ तौर पर देख सकते हैं. हमारे पिछले तिमाही चार्ट को देखें तो हमने सोने के लिए मध्यम अवधि का टार्गेट 53,000 रुपये रखा था और चांदी के लिए टार्गेट 64500 रुपये का रखा जो कि हाल ही में प्राप्त कर लिया गया है. अब हम दोनों ही कीमती मेटल्स में कुछ थकावट का रुझान देख रहे हैं, हालांकि इस गिरावट को हम खरीदारी के लिए अच्छा मौका मान सकते हैं और जो निवेशक मध्यम से लंबी अवधि के लिए निवेश कर सकते हैं उनके लिए शानदार अवसर बन सकता है. मीडियम से लॉन्ग टर्म इंवेस्टर के लिए सोने का टार्गेट 58,000 रुपये का देखा जा सकता है और चांदी का लक्ष्य पहले 73,000 रुपये और फिर 82,000 रुपये तक का दिख सकता है.


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