Gold Price Hike: त्योहारी सीजन के दौरान सोने या सोने की जवेलरी खरीदना, जेब पर भारी पड़ सकता है. सोने के दामों में आने वाले दिनों में भारी उछाल आने की संभावना है. ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपनी रिपोर्ट में निवेशकों को हर गिरावट पर सोने की खरीदारी करने की सलाह देते हुए कहा कि घरेलू बाजार में सोने की कीमतें 76,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल तक जा सकती है.
76000 तक जा सकता है सोना
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड ने कहा सोने पर उसका रूख खरीदारी का है. ब्रोकरेज हाउस के मुताबिक 69,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कीमत को सपोर्ट मिल रहा है और घरेलू बाजार में सोने के भाव का 76000 रुपये तक जाने का लक्ष्य है. कॉमेक्स पर सोने के भाव को 2430 डॉलर प्रति आउंस पर भारी सपोर्ट है और 2650 डॉलर प्रति आउंस तक भाव के जाने की संभावना है. अपने रिपोर्ट में ब्रोकरेज हाउस ने कहा, 2024 में वैश्विक तनावों, आर्थिक अनिश्चितता और मॉनिटरी पॉलिसी के चलते कीमतों में भारी उतार चढ़ाव देखने को मिला है इसके बावजूद गोल्ड मार्केट गतिशील बनी हुई है. ब्याज दरों में कटौती, वैश्विक तनावों के चलते सोने की कीमतों में तेजी बनी रह सकती है.
वैश्विक तनाव के चलते बढ़ी डिमांड
2024 की शुरुआत में कीमतों में जोरदार उछाल के चलते सोना ऑलटाइम हाई पर जा पहुंचा था, क्योंकि निवेशक सुरक्षित निवेश के विकल्प की तलाश में थे. यूक्रेन और मिडिल ईस्ट में तनाव के चलते कीमतों में ये तेजी आई जो निवेशकों को लगातार परेशान कर रही है. जब भी वैश्विक तनाव देखने को मिलता है पारम्परिक तौर पर सोने की कीमतों में इसके चलते तेजी देखने को मिली है और भविष्य में भी यही स्थिति बनी रहेगी. इस साल अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव है. इसके चलते भी अनिश्चितता के कारण सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बरकरार रहने की संभावना है.
सेंट्रल बैंकों की खरीदारी है जारी
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सोने के इंपोर्ट ड्यूटी में 9 फीसदी की कटौती, येन कैरी ट्रेड की अनवाइंडिंग और मुनाफावसूली के चलते सोने की कीमतों पर दबाव देखने को मिला है. मार्केट डायनामिक्स बेहद जटिल बना हुआ है डॉलर इंडेक्स में उतार-चढ़ाव, अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड्स और ग्लोबल मॉनिटरी पॉलिसी के साथ भी सोने का प्रदर्शन जुड़ा है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के ग्रुप सीनियर वाइस प्रेसीडेंट, कमोडिटी रिसर्च, नवनीत दमानी ने कहा, मौजूदा वर्ष की दूसरी तिमाही में सेंट्रल बैंक की ओर से सोने की खरीदारी की रफ्तार धीमी हुई है और तिमाही दर तिमाही इसमें 39 फीसदी की कमी आई है जो घटकर 183 टन पर आ गया है. खरीदारी में गिरावट के बावजूद पिछले पांच वर्षों की तिमाही की औसत खरीदारी 179 टन से ज्यादा है जो बताता है कि सेंट्रल बैंकों द्वारा खरीदारी जारी है.
ब्याज दरें घटने से बढ़ेगी सोने की चमक
नवनीत दमानी के मुताबिक, मॉनिटरी पॉलिसी में ब्याज दरों में कटौती की जो उम्मीद की जा रही है उससे सोने की चमक और फैलेगी. सेंट्रल बैंकों की खरीदारी के साथ सोने का फ्यूचर आउटलुक भी जुड़ा है. इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती और निवेशकों के अनुकुल आर्थित नीतियों के चलते भारत जैसे प्रमुख देशों के घरेलू बाजारों में सोने की डिमांड में मजबूती बनी हुई है. ब्याज दरों में कटौती, वैश्विक तनावों और ब्लैक स्वॉन इंवेंट्स के चलते सोने की कीमतों में तेजी बने रह सकती है.
ये भी पढ़ें