घरेलू वायदा बाजार में बुधवार को सोना और चांदी ने नया रिकॉर्ड कायम किया. सोने का भाव पहली बार 50,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया, जबकि चांदी 61,000 रुपये किलो से ऊपर तक उछली. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी में आई जोरदार तेजी से संकेत पाकर महंगी धातुओं ने भारतीय वायदा बाजार में जबरदस्त छलांग लगाई. भारतीय वायदा बाजार में चांदी का भाव 23 जनवरी, 2013 को 59,974 रुपये प्रति किलो तक उछला था, जोकि इससे पहले का रिकॉर्ड स्तर था. एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच सोने और चांदी में जमकर निवेश हो रहा है.


चांदी अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार कॉमेक्स पर 23 डॉलर प्रति औंस के ऊपर चला गया है. कॉमेक्स पर सोने का भाव भी 1866.75 डॉलर प्रति औंस तक उछला, जोकि 9 सितंबर, 2011 के बाद का ऊंचा स्तर है जब सोने का भाव 1881 डॉलर प्रति औंस के करीब था, जबकि कॉमेक्स पर सोने का भाव छह सितंबर, 2011 को 1911.60 डॉलर प्रति औंस तक उछला था, जोकि अब तक का रिकॉर्ड स्तर है.


मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर चांदी के सितंबर एक्सपायरी अनुबंध में बुधवार दोपहर 12.26 बजे बीते सत्र के मुकाबले 3431 रुपये यानी 5.98 फीसदी की तेजी के साथ 60773 रुपये प्रति किलो पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले चांदी का भाव एमएसीएक्स पर 58000 रुपये प्रति किलो पर खुला और 61,280 रुपये प्रति किलो तक उछला जोकि एक नया रिकॉर्ड है.


एमसीएक्स पर सोने के अगस्त वायदा अनुबंध में पिछले सत्र से 513 रुपये यानी 1.04 फीसदी की तेजी के साथ 50,040 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले सोने का भाव एमसीएक्स पर 50,085 रुपये प्रति 10 ग्राम तक उछला, जोकि सोने के भाव का एक नया रिकॉर्ड उंचा स्तर है.


उधर, अंतर्राष्ट्रीय बाजार कॉमेक्स में चांदी के सितंबर वायदा अनुबंध में पिछले सत्र से 1.24 डॉलर यानी 5.75 फीसदी की तेजी के साथ 22.797 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था, जबकि कारोबार के दौरान कॉमेक्स पर चांदी का भाव 23.185 डॉलर प्रति औंस तक उछला.


कॉमेक्स पर सोने के अगस्त वायदा अनुबंध में पिछले सत्र से 16.25 डॉलर यानी 0.88 फीसदी की तेजी के साथ 1860.15 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले सोने का भाव कारोबार के दौरान 1866.75 डॉलर प्रति औंस तक उछला.


केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण के कारण खनन कार्य प्रभावित होने और आपूर्ति बाधित होने से चांदी की कीमतों में ज्यादा तेजी देखी जा रही है. हालांकि कोरोना काल में निवेश के सुरक्षित साधन की तरफ निवेशकों का रुझान बढ़ने से महंगी धातुओं की कीमतों को लगातार सपोर्ट मिल रहा है. कमोडिटी विश्लेषक बताते हैं कि हार्ड एसेट्स के तौर पर इस समय सोना और चांदी लोगों की पहली पसंद बन गई है.


सोना और चांदी के भाव का अनुपात कोविड-19 महामारी के पहले के स्तर पर पहुंच चुका है और इस समय 83 के स्तर पर है, जोकि इस बात का सूचक है कि निवेशक सोने से कहीं ज्यादा चांदी में निवेश करने में दिलचस्पी ले रहे हैं.


कमोडिटी बाजार विश्लेषक अनुज गुप्ता ने कहा कि चांदी की औद्योगिक मांग बढ़ने की संभावनाओं से इसकी कीमतों में तेजी आई है. उन्होंने कहा कि ईटीएफ की खरीदारी बढ़ने से भी चांदी को सपोर्ट मिला है. बाजार विश्लेषक बताते हैं कि कोरोना से मिल रही आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए अमेरिका और यूरोप में लाए जा रहे राहत पैकेजों और दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों की ब्याज दरों में की गई कटौती से कोरोना काल में महंगी धातुओं के प्रति निवेशकों का रुझान लगातार बना हुआ है.


बता दें कि चांदी 1 जनवरी के आस-पास 47666 रुपये प्रति किलो पर थी, जो अभी 59635 के आस पास आ गई है. यानी इस साल अबतक चांदी में 11969 रुपये प्रति किलो की तेजी आई है. वहीं, अगर सोने की बात करें तो 31 दिसंबर 2019 को सोने का भाव एमसीएक्स पर 39108 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. वहीं, 22 जुलाई 2020 को सोना 49996 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया. यानी हर 10 ग्राम पर 10888 रुपये या करीब 27 फीसदी रिटर्न मिला है.