Gold Prices: पीली धातु ने बनाया नया रिकॉर्ड, नए लाइफटाइम हाई पर पहुंचीं सोने की कीमतें
Gold Record High: सोने की डिमांड में इन दिनों तेजी देखी जा रही है, जिससे पीली धातु की कीमतें भी तेज हो रही हैं और अब नए रिकॉर्ड स्तर पर जा पहुंची हैं...
सबसे प्रमुख कीमती धातुओं में गिने जाने वाले गोल्ड की कीमतों में लगातार तेजी देखी जा रही है. जबरदस्त रैली के बीच सोने ने नए वित्त वर्ष की शुरुआत नए इतिहास के साथ की है. आज 1 अप्रैल को सोने की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में नए लाइफटाइम हाई लेवल पर पहुंच गई हैं.
इतनी हो गईं सोने की कीमतें
वित्त वर्ष 2024-25 के पहले दिन सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें 2,263.53 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड उच्च स्तर तक गईं. आज सोने ने 2,233 डॉलर प्रति औंस के भाव पर लगभग स्थित शुरुआत की, लेकिन थोड़ी ही देर में कीमतें अपने नए रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गईं.
एमसीएक्स पर भी बना नया रिकॉर्ड
अंतरराष्ट्रीय बाजार में आई इस शानदार तेजी का असर घरेलू बाजार में भी दिख रहा है. एमसीएक्स पर सोने का भाव आज खुलते ही तेजी में था और कुछ ही देर के कारोबार में इसने नया रिकॉर्ड स्तर छू दिया. इंट्राडे में एमसीएक्स पर अप्रैल के गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट 69,487 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर जा पहुंचे, जो अभी तक के इतिहास में सोने का सबसे ऊंचा स्तर है. वहीं जून के कॉन्ट्रैक्ट के लिए भाव बढ़कर 68,719 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गए.
दुनिया की पारंपरिक पसंद है सोना
सोने की कीमतों में अभी आ रही तेजी अनायास नहीं है. दरअसल सोना पारंपरिक रूप से निवेशकों का पसंदीदा इंस्ट्रुमेंट रहा है. जब अनिश्चितता बढ़ जाती है, तब सोने की डिमांड और तेज हो जाती है. दुनिया भर के निवेशक पीली धातु को सबसे सुरक्षित निवेश में से एक मानते हैं. इस कारण भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने या अन्य कारणों से जब भी आर्थिक परिदृश्य अनिश्चित होने लगता है, निवेशक सोने के पीछे दौड़ने लगते हैं.
अभी इन कारणों से बढ़ रहे भाव
अभी भू-राजनीतिक तनाव काफी ज्यादा है. पूर्वी यूरोप में रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग के सुलटने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं. पश्चिम एशिया में इजरायल पर हमास के हमले के बाद तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. इन सब के बीच सोने की कीमतों को अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व के संकेत से भी सपोर्ट मिला है. फेडरल रिजर्व ने इस साल ब्याज दरों में 3 कटौती करने के संकेत दिए हैं. ब्याज दरें कम होने से बॉन्ड यील्ड में कमी आती है, जिससे निवेशक विकल्पों की तलाश करने लगते हैं. अमूमन इसका सबसे ज्यादा फायदा सोने को ही होता है.
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