Gold-Silver Rate Crash: सोने और चांदी के दामों में तेज गिरावट देखी जा रही है. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोना 1 फीसदी की गिरावट के साथ खुला और 770 रुपये गिरकर 75,596 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल पर जा पहुंचा है. चांदी के दामों में भी तेज गिरावट है और ये भी करीब 1 फीसदी या 858 रुपये की गिरावट के साथ 88,023 रुपये प्रति किलो पर जा पहुंचा है.
ट्रंप के बयान से गिरे सोने-चांदी के दाम
अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों के खिलाफ मोर्चे खोल दिया है. उन्होंने कहा है कि वे ब्रिक्स देशों पर 100 फीसदी टैरिफ लगायेंगे. ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ब्रिक्स देशों ने अगर अमेरिकी डॉलर को छोड़ किसी और करेंसी को अपनाने की कोशिश की तो वे इन देशों से आने वाले इंपोर्ट पर भारी भरकम टैरिफ लगायेंगे. ट्रंप ने अपने बयान से सीधे तौर पर भारत, रूस, ब्राजील और चीन के संदेश देने की कोशिश की है. डॉलर को छोड़ ब्रिक्स देशों की बीच लगार अपनी करेंसी लाने को लेकर चर्चा होती रही है.
सोने-चांदी में गिरावट
डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान के बाद अमेरिकी डॉलर मजबूत हुआ है जिसके चलते आज के कारोबार में सोने-चांदी के दामों में गिरावट देखी जा रही है. फिलहाल सोना 673 रुपये या 0.88 फीसदी की गिरावट के साथ 75,701 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 0.92 फीसदी की गिरावट के साथ 88,062 रुपये प्रति किलो पर कारोबार कर रहा है.
सोने में गिरावट दे रहा खरीदारी का मौका!
कामा ज्वेलरी के एमडी कोलिन शाह के मुताबिक, सही समय पर सोने की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है. ग्लोबल मार्केट्स में सोने के दाम घटे हैं. इंटरनेशनल मार्केट में अपने पीक से 6 फीसदी और घरेलू बाजार में 3.7 फीसदी की गिरावट आई है जो कि खरीदारी का अवसर प्रदान कर रहा है खासतौर से उनके लिए जो ज्वेलरी खरीदना चाहते हैं. उन्होंने कहा, हम शादियों के सीजन के बीच में हैं और शादियों में सोने की खरीदारी सबसे प्रमुख है. उन्होंने कहा, सोने की कीमतों में गिरावट, अमेरिका में बढ़ती महंगाई के चलते देखा जा रहा है क्योंकि इससे अमेरिकी फेड की ओर से ब्याज दरें घटाने की संभावना कम होती जा रही है.
कोलिन शाह के मुताबिक, कम ब्याज दरों के दौर में सोने की कीमतें बढ़ती हैं, लेकिन ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कम होती जा रही हैं और अमेरिकी डॉलर में उछाल से सोने की कीमतें घटी है. उन्होंने बताया कि बढ़ते अमेरिकी डॉलर के कारण सोना खरीदना महंगा हो गया है, जिससे डिमांड प्रभावित हो रही है. उन्होंने बताया कि छोटी से अवधि में सोने की कीमतें मौजूदा स्तरों पर बनी रहेगी. भू-राजनीतिक स्थिति के केंद्र में आने और अमेरिकी फेड और आरबीआई की ओर से साल 2025 की पहली छमाही में ब्याज दरों में कटौती के बाद सोने की कीमतों में उछाल आएगी.
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