2024 में गोल्ड इंवेस्टमेंट ने दिया मुनाफा, क्या 2025 में भी रहेगी सोने की चमक बरकरार? पढ़ें एक्सपर्ट्स की राय
Gold price in 2025: साल 2024 में सोने ने बढ़िया परफॉर्मेंस किया. इसकी कीमत बढ़ी रही. 2025 में सोने के भाव को लेकर एक्सपर्ट्स ने अपनी राय दी है.
Gold price in 2025: साल 2024 में गोल्ड की परफॉर्मेंस शानदार रही. इस दौरान दुनियाभर में सोने की कीमतों में करीब 27 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई, जिससे इसके इंवेस्टर्स को खूब फायदा हुआ. रिटर्न के मामले में सोना भारत में इक्विटी के बाद दूसरे नंबर पर रहा है. अब निवेशकों के नम में एक ही सवाल है क्या 2025 में भी सोने की चमक बरकरार रहेगी.
इस वजह से बढ़ रही सोने की कीमत
सोने की कीमतों में रिकॉर्ड उछाल के पीछे कई कारण हैं. इनमें से एक मिडिल-ईस्ट में जारी तनाव के साथ दुनिया के कई केंद्रीय बैंकों द्वारा घटाई गई इंटरेस्ट रेट भी है.
क्वांटम म्यूचुअल फंड के चीफ इंवेस्टमेंट ऑफिसर चिराग मेहता ने मनीकंट्रोल से बात करते हुए कहा, ''सोने की कीमत बढ़ने से इसने अमेरिकी इक्विटी के मुकाबले लगभग 2.6 प्रतिशत बढ़िया परफॉर्मेंस किया और 2,790 डॉलर प्रति औंस के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. सोने की कीमत बढ़ने के पीछे कई कारण हैं जैसे कि मिडिल- ईस्ट में अस्थिरता, अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व के द्वारा ब्याज दरों में कटौती, अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान गवर्नमेंट पॉलिसी बदलने की संभावना सोने में बढ़ता निवेश वगैरह.''
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के कमोडिटीज और करेंसी रिसर्च हेड नवनीत दमानी ने कहा, ''खासतौर पर मिडिल ईस्ट में इजरायल और हमास के बीच छिड़ी जंग के चलते सोना महंगा हो गया है क्योंकि भू-राजनीतिक तनाव और अस्थिरता के समय में लोग सोने में निवेश को सुरक्षित मानते हैं. इसी के साथ केंद्रीय बैंकों की सोने की मांग ने भी सोने की बढ़ती कीमत में अपना योगदान दिया है.''
क्या इस साल भी सोने की चमक रहेगी बरकरार?
फाइनेंशियल एडवाइजर्स और एनालिस्ट का कहना है कि साल 2025 में भी सोने की परफॉर्मेंस अच्छी रहेगी. इसमें अमेरिका में राष्ट्रपति पद के शपथ ग्रहण के बाद डोनाल्ड ट्रंप की संभावित नीतियों का भी असर होगा. मेहता आगे कहते हैं, ''ट्रंप की नई पॉलिसी से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को गति मिलती है, डॉलर में उछाल आ सकता है. हालांकि, ऐसा बहुत लंबे समय तक नहीं होगा क्योंकि कई वजहों से नीतियों को लागू करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट पॉलिसी और टैरिफ लगाने की धमकी का असर डॉलर और सोने के बाजार दोनों पर पड़ेगा. इससे घरेलू स्तर पर उत्पादन को बढ़ावा मिलने से महंगाई बढ़ेगी, जिससे करेंसी मार्केट में अस्थिरता भी बढ़ सकती है. ऐसे में इंवेस्टर्स निवेश के लिए सोने की तरफ आकर्षित होंगे.''
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