ईरान-इजरायल संघर्ष के बीच सोना-चांदी के रिकॉर्डतोड़ भाव, क्या अब भी खरीदारी का वक्त- जानें एक्सपर्ट्स से
Gold-Silver Buying: ईरान-इजरायल तनाव में शेयर बाजार टूटे लेकिन सोने-चांदी में मजबूती बरकरार है. क्या अब सोने में खरीदारी करने का वक्त है और सही निवेश करने का मौका बचा है- जानें कमोडिटी जानकारों से...
Gold-Silver Buying: ईरान-इजरायल संघर्ष इस समय दुनिया और देश में चर्चा का सबसे बड़ा विषय है और इसकी चिंताओं से ग्लोबल बाजार धड़ाम हो रहे हैं. शेयर बाजार तो छोड़िए कमोडिटी बाजार में भारी हलचल मची है. हालांकि सोने-चांदी को देखें तो मौजूदा त्योहारों के दौरान स्टॉकिस्ट्स और रिटेल शॉपिंग के लिए मांग बढ़ गई है. इसके चलते गुरुवार को सोने और चांदी की कीमतों में तेजी आई है. ज्वैलर्स ने कहा कि भारत में नवरात्रि की शुरुआत में मांग बढ़ने से सेंटीमेंट बेहतर हुए और शुभ खरीदारी का हफ्ता शुरू होने की मान्यता प्रबल रहने से घरेलू सर्राफा बाजार में सोने-चांदी में ऑलटाइम तेजी देखी गई.
कामा ज्वैलरी के एमडी कॉलिन शाह का कहना है कि पिछले 14 सालों में सोने ने बेहतरीन रिटर्न दिया है और ये इसके सेफ ऐसेट होने की बात पर मुहर लगाता है. भले ही इस समय सोने के दामों पर वैश्विक अनिश्चितता का साया मंडरा रहा है लेकिन आज जहां ग्लोबल बाजारों ने धराशायी होने के लगातार झटके दिए, वहीं सोना-चांदी घरेलू बाजार में तेजी पर रहे.
अब सवाल उठता है कि क्या अब भी खरीदारी का वक्त है?
इस साल अब तक सोने ने भारतीय रुपये में 29 परसेंट से ज्यादा अमेरिकी डॉलर में 28 परसेंट से ज्यादा का रिटर्न दिया है. चालू वर्ष (YTD) प्रॉफिट पिछले 14 सालों में सबसे ज्यादा है (डॉलर और INR के संदर्भ में). पिछले 15 सालों में सोने ने औसतन 11.7 परसेंट रिटर्न दिलाया है. दिलचस्प बात यह है कि चालू वर्ष (YTD) के सोने के रिटर्न ने INR के तौर पर देखें तो निफ्टी के पोस्ट किए रिटर्न को पछाड़ दिया है.
सोने के शानदार प्रदर्शन को जानें
सोने के शानदार प्रदर्शन के पीछे अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती के साइकिल की शुरुआत है. आगे इसकी दरों में और कटौती की बड़ी उम्मीद है. इजराइल और लेबनान के बीच भू-राजनीतिक तनाव भी सोने की कीमतों को बढ़ा रहा है. त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ सोने की मांग मजबूत होने की उम्मीद है. अच्छे मानसून ईयर से ग्रामीण मांग बढ़ेगी. सोने की वैश्विक कीमतें मौजूदा समय में 2700 डॉलर के लेवल पर हैं और उम्मीद है कि यह 3000 डॉलर को छू सकती है. इसमें निवेश के नजरिए से खरीदारी करने पर अच्छे रिटर्न की उम्मीद बनती है क्योंकि पिछले 14 सालों का सबसे बेहतर रिटर्न सोने ने अकेले इस साल में दे दिया है जबकि अभी साल खत्म होने में भी वक्त है.
जानें भारत में कैसा रहा सोने-चांदी का हाल
बुधवार को महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर कमोडिटी बाजार बंद थे लेकिन आज जब सर्राफा बाजार खुला तो ईरान-ईजरायल टेंशन के चलते स्टॉक मार्केट भी गिरे और कमोडिटी बाजार पर भी असर दिखा. हालांकि कमोडिटी बाजार में देखा जाए तो ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के मुताबिक सोना 200 रुपये बढ़कर 78,300 रुपये प्रति 10 ग्राम के सबसे ऊंचे लेवल पर आ गया है. मंगलवार को यह 78,100 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. चांदी भी 665 रुपये उछलकर 93,165 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई, जो मंगलवार की क्लोजिंग में 92,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर थी. वहीं 22 कैरेट शुद्धता वाला सोना 200 रुपये चढ़कर 77,900 रुपये प्रति 10 ग्राम के अपने ऑलटाइम हाई पर पहुंच गया. मंगलवार को सोना 77,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था.
MCX पर कैसा रहा सोने का कारोबार
वायदा कारोबार में मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर दिसंबर कॉन्ट्रेक्ट वाला सोना 440 रुपये या 0.58 फीसदी की गिरावट के साथ 75,950 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया है. हालांकि एमसीएक्स पर चांदी 225 रुपये या 0.25 फीसदी चढ़कर 91,600 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है.
ईरान-इजरायल तनाव का असर कीमती मेटल्स पर दिखा
इजराइल ने खुले तौर पर कहा है कि ईरान के हमलों के बाद वो इसका जमकर जवाब देगा. इस हवाई लड़ाई और जमीनी संघर्ष के चलते कीमती मेटल्स की कीमतों को अभी भी निचले लेवल पर सपोर्ट मिल सकता है. चूंकि सोना एक सुरक्षित ऐसेट क्लास और बेहतरीन रिटर्न देने वाला इंवेस्टमेंट माना जाता है तो इसके लिए ग्लोबल जियो-पॉलिटिकल टेंशन के दौरान तो और ज्यादा तेजी देखी जाने की उम्मीद है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के कमोडिटी प्रमुख हरीश वी ने कहा कि पीक फेस्टिवल सीजन और कमजोर भारतीय रुपये के बीच गोल्ड-सिल्वर ज्वैलर्स की डिमांड में तेजी आने की संभावना से भी घरेलू बाजार में कमोडिटी को मदद मिली है.
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटीज के सीनियर एनालिस्ट सौमिल गांधी ने कहा कि गुरुवार को सर्राफा बाजार का मूड खराब रहा. बुधवार को अमेरिकी शेयरों में गिरावट थी और वो नीचे बंद हुए. इसके चलते अमेरिकी डॉलर में तेजी और ट्रेजरी यील्ड की वजह से कीमती मेटल्स पर असर पड़ा.
आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के एवीपी कमोडिटीज एंड करेंसीज, मनीष शर्मा के मुताबिक सोने को लेकर इन बातों पर रखनी चाहिए नजर-
गुरुवार को अमेरिका में जॉब डेटा सहित अमेरिकी नौकरियों के आंकड़ों पर नजर रखनी पड़ेगी जो गोल्ड के रेट के लिए कुछ इंडीकेटर बन सकते हैं और दिशा दिला सकते हैं.
चीन के हाल में ब्याज दरों को लेकर उठाए कदमों को लेकर बाजार में जो पॉजिटिव नजरिया बन रहा है उसका असर खास तौर पर चांदी के रेट पर आएगा और ये सोने से बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रहेगी. यानी मध्यम अवधि में सोने से ज्यादा बेहतर रिटर्न चांदी में मिल पाएगा.
इंटरनेशनल लेवल पर सोना-चांदी कैसे दिख रहे
एशियाई कारोबार के दौरान कॉमेक्स पर गोल्ड 0.17 फीसदी गिरकर 2665.20 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था. कॉमैक्स पर सोने में मामूली गिरावट के साथ कारोबार हुआ. वहीं चांदी 0.36 फीसदी गिरकर 31.81 डॉलर प्रति औंस पर देखी गई.
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