Smuggling In India: जाली नोट, सोने की स्मगलिंग में बढ़ोतरी ने बढ़ाई चिंता, सीमा पार भेजा जा रहा विदेशी करेंसी!
Smuggling In India Update: डीआरआई के मुताबिक म्यांमार और बांग्लादेश बार्डर का सबसे ज्यादा स्मगलिंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
Smuggling Menace In India: देश से विदेशी मुद्रा को स्मगलिंग कर बाहर भेजा जा रहा है. तो कोराना महामारी के बाद भारत में जाली नोट की सप्लाई बढ़ गई है. इतना ही नहीं देश में गोल्ड की स्मगलिंग में भी भारी इजाफा हुआ है. जिसमें हैरान करने वाली बात ये है स्मगलिंग करने के लिए म्यांमार और बांग्लादेश बार्डर स्मगलरों के लिए सबसे मुफीद रास्ता बन चुका है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस के 65वें फाउंडेशन डे कार्यक्रम में स्मगलिंग इंडिया 2021-22 रिपोर्ट जारी किया है. जिसके मुताबिक बड़ी मात्रा में सोने की स्मगलिंग कर उसे भारत लाया जा रहा है. तो कोरोना के बाद जाली नोट की जब्ती बढ़ी है. वहीं भारत से बड़ी मात्रा विदेशी करेंसी को छुपाकर बाहर ले जाया जा रहा है, जिसमें 73 फीसदी हिस्सेदारी डॉलर की है.
म्यांमार से सोने की स्मगलिंग
इस रिपोर्ट के मुताबिक 2021-22 में डीआरआई ने 405.35 करोड़ रुपये के वैल्यू के बराबर 833.07 किलो स्मगलिंग की जा रही सोने को जब्त किया है. जिसमें सबसे ज्यादा 37 फीसदी सोना म्यांमार ऑरिजिन का है. जबकि पहले स्मगलिंग वाले सोने में वेस्ट एशिया का बड़ा हिस्सा हुआ करता था. 73 फीसदी सोना म्यांमार और बांग्लादेश के रास्ते भारत में स्मगलिंग किया गया है. पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर के रास्ते सबसे ज्यादा सोने की स्मगलिंग हो रही है.
विदेशी करेंसी की स्मगलिंग
भारत से बाहर विदेशी करेंसी की स्मगलिंग बढ़ी है खासतौर से डॉलर की. डीआरआई के रिपोर्ट के मुताबिक विदेशी करेंसी की स्मगलिंग से देश की आर्थिक सुरक्षा को खतरा पैदा हो रहा है. हवाला सेंटलमेंट, स्मगलिंग के जरिए गैरकानूनी तरीके से विदेशी करेंसी देश से बाहर ले जाया जा रहा है. फाइनैंशियल एक्शन टास्क फोर्स (Financial Action Task Force) ने माना कि पूरी दुनिया में विदेशी करेंसी की स्मगलिंग मनी लॉन्ड्रिंग का बड़ा जरिया बन चुकी है. डीआरआई ने जो स्मगलिंग किए जाने वाले विदेशी करेंसी को सीज किया है उसमें 75 फीसदी अमेरिकी डॉलर, 22 फीसदी यूएई दिरहम और 3 फीसदी सऊदी रियाद शामिल है.
जाली नोट से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा!
डीआरआई के रिपोर्ट के मुताबिक फेक करेंसी से राष्ट्रीय सुरक्षा को सबसे बड़ा खतरा पैदा होता है.बांग्लादेश और नेपाल की सीमा के जरिए जाली नोट भारत में स्मगलिंग की जा रही है. रिपोर्ट में कहा गया कि 2020 के मुकाबले 2021 में जाली नोटों की जब्ती बढ़ी है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के हवाले से बताया गया है कि कोरोना महामारी के चलते जाली नोटों की रिकवरी 2020 में कम हुई थी. लेकिन कोविड बंदिशें के हटने के बाद जाली नोट के धंधे में शामिल लोग फिर से हरकत में आ गए हैं और देश में जाली नोटों की सप्लाई बढ़ गई है. बांग्लादेश और म्यांमार बार्डर का जाली नोट भारत में भेजने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
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