नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-एंप्लाई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (ईपीएफओ) के सदस्यों के लिए आज एक अच्छी खबर सुनने को मिली है. पीएफ स्कीम में 20 साल या इससे ज्यादा समय तक योगदान करने के बदले रिटायरमेंट के समय सदस्‍यों को 50,000 रुपये तक का लॉयल्‍टी-कम-लाइफ बेनेफि‍ट दिए जाने का प्रस्ताव है. बुधवार को ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्‍टी की बैठक में ये सुझाव दिए गए हैं. कहा जा रहा है कि इन सिफारिशों को सरकार की मंजूरी मिलने के बाद लागू कर दिया जाएगा. इसे शुरू में 2 साल के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जाएगा और बाद में इसकी समीक्षा की जाएगी.


जानिए किसे मिलेंगे बेनेफिट्स्?
बुधवार को हुई बैठक में सुझाव आया है कि ईपीएफओ की स्कीम में 20 साल या इससे ज्यादा समय तक कंट्रीब्यूशन करने वालों को 'लायल्टी-कम-लाइफ’ के तहत 50000 रुपये तक का अतिरिक्त वित्तीय लाभ सरकार द्वारा दिया जा सकता है.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्‍टी ने सदस्‍य की मौत पर कम से कम 2.5 लाख रुपये तक का न्‍यूनतम लाभ और लॉयल्‍टी-कम-लाइफ बेनेफि‍ट देने के लिए एम्‍पलॉई डिपोजिट लिंक्‍ड इंश्‍योरेंस स्‍कीम (ईडीएलआई) में संशोधन करने का सुझाव दिया है. इसके तहत ईपीएफओ के निर्णायक मंडल सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) ने यह भी सिफारिश की है कि एंप्लॉईज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम के तहत कम से कम 2.5 लाख रुपए दिए जाएं और और लॉयल्टी-कम-लाइफ बेनेफिट 50 हजार रुपए तक दी जाए. अभी इन सुझावों को सरकार की मंजूरी मिलना बाकी है.


जिन सदस्‍यों का औसत बेसिक वेतन 5,000 रुपये तक है उन्‍हें 30,000 रुपये का लॉयल्‍टी-कम-लाइफ बेनेफि‍ट दिया जाएगा.
वहीं जिन सदस्‍यों का वेतन 5001 से 10,000 रुपये तक है उन्हें 40,000 रुपये का बेनेफि‍ट दिया जाएगा.
10,000 रुपये से ज्यादा महीने की सैलरी लेने वाले सभी सदस्‍यों को प्रस्‍तावित स्‍कीम में 50,000 रुपये का लॉयल्‍टी-कम-लाइफ बेनेफि‍ट दिया जाएगा.


इस फैसले को मंजूरी मिल जाने के बाद 58 या 60 साल के बाद रिटायर होने वाले सभी सदस्यों को 50,000 रुपये तक का एक्स्ट्रा बेनेफि़ट दिया जाएगा जिन्होंने ईपीएफओ में 20 साल से ज्यादा कॉन्ट्रीब्यूट किया हो.


20 साल से कम वालों का क्या?
अगर आपने 20 साल से कम अवधि तक ईपीएफओ में निवेश किया है तो आपको लॉयल्टी-कम-लाइफ बेनेफिट के तहत 50,000 रुपए नहीं मिलेंगे. हालांकि, किसी दुर्घटना की वजह से पूर्ण विकलांग होने पर उन्हें भी लॉयल्टी-कम-लाइफ बेनेफिट मिलेगा, भले ही उन्होंने 20 साल से कम अवधि के लिए ही निवेश किया हो. ईपीएफओ बोर्ड ने यह भी फैसला किया है कि स्‍थायी अपंगता के मामले में भी लाइफ बेनेफि‍ट दिया जाएगा, फि‍र भले ही सदस्‍य ने 20 साल से कम समय तक ही योगदान क्‍यों न दिया हो.


कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (ईपीएफओ) की निर्णय लेने वाली प्रमुख संस्‍था सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्‍टी (सीबीटी) ने ये सिफारिश ईडीएलआई में जमा 18,119 करोड़ रुपये के फंड को ध्‍यान में रखते हुए की है. फिलहाल के नियमों के मुताबिक मृतक के आश्रितों को 6 लाख रुपए तक की बीमा राशि दी जाती है. इसमें भी मिनिमम इंश्योरेंस का कोई प्रावधान नहीं है और न ही जीवित सदस्‍यों को किसी तरह की परमानेंट डिसेबिलिटी के मामले में कोई फायदा देने का नियम है.