Gold Prices Outlook In 2025 Update: साल 2024 सोने में निवेश करने वाले निवेशकों को लिए शानदार साबित हुआ है. मौजूदा वर्ष में सोने के दामों में 30 फीसदी से ज्यादा का उछाल देखने को मिला है और सोने के दाम ऑलटाइन पर जा पहुंचे. पिछले 10 सालों के ट्रैक रिकॉर्ड को देखें तो सोने ने इस साल सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया है. पर सवाल उठता है साल 2025 में सोने का कैसा प्रदर्शन कैसा रहेगा? वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (World Gold Council) ने इसे लेकर एक रिपोर्ट जारी किया है.
2025 में सोना इस रेंज में करेगा कारोबार!
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक और भू-राजनीतिक संकट के चलते 2024 के समान सोने के दामों में तेजी जारी नहीं रहेगी. रिपोर्ट के मुताबिक साल 2025 में सोने के दामों की चाल काफी कुछ अमेरिका में होने वाली घटनाओं पर निर्भर करेगा. खासतौर से 20 जनवरी 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर दूसरी बार शपथ लेने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे टर्म पर बाजार की नजरें टिकी रहेंगी. ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के दौरान लोकल इकोनॉमी को बूस्टर डोज मिलेगा. लेकिन इसी के साथ पूरी दुनिया के निवेशकों के बीच भय का मौहाल भी बना रहेगा.
रिपोर्ट के मुताबिक 2025 में ये सहमति बन रही कि अमेरिका का सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व, महंगाई के टारगेट से ज्यादा होने के बावजूद, साल के अंत तक 100 बेसिस प्वाइंट ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. यूरोपीय सेंट्रल बैंक भी ब्याज दरों में इतनी ही कटौती कर सकती है. अमेरिकी डॉलर फ्लैट या थोड़ा कमजोर पड़ सकता है. वैश्विक ग्रोथ पॉजिटिव रहने की उम्मीद है लेकिन ये ट्रेंड से कम ग्रोथ दिखा सकता है. फेडरल रिजर्व के कदम और अमेरिकी डॉलर की चाल सोने के दामों की दिशा तय करेंगे. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ये देखा गया है कि यही दो कारण केवल सोने के दाम तय नहीं करते हैं. गोल्ड की डिमांड और सप्लाई भी इसे तय करेगी. रिपोर्ट के मुताबिक सोने की कीमत का जो मौजूदा रेंज है उसी रेंज में सोना 2025 में कारोबार करता हुआ नजर आ सकता है.
भारत में सोने की कंज्यूमर डिमांड रहेगी तेज
रिपोर्ट के मुताबिक भारत और चीन सोने के लिए सबसे बड़ा मार्केट है. सोने के कुल डिमांड का 60 फीसदी एशिया से आता है. इसमें सेंट्रल बैंकों की ओर से की जा रही खरीदारी शामिल नहीं है. चीनी अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन के आधार पर वहां सोने की डिमांड निर्भर करेगी. हालांकि भारत में हालात ज्यादा बेहतर है. आर्थिक विकास दर 6.5 फीसदी से ऊपर बना हुआ है. भारत में सोने की कंज्यूमर डिमांड में तेजी बनी रहेगी.
सेंट्रल बैंकों और निवेशकों के निवेश से आई तेजी
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, साल 2024 में सेंट्रल बैंक की खरीदारी और निवेशकों के निवेश बढ़ने के चलते सोने की कीमतों में उछाल देखने को मिला था. कंज्यूमर डिमांड में कमी के बावजूद सोने की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली है. 2024 की तीसरी तिमाही तक 694 टन सेंट्रल बैंकों की ओर से सोने की खरीदारी देखने को मिली है. आरबीआई ने अक्टूबर में 27 टन सोने खरीदा है और 2024 में उसकी कुल खरीद 77 टन रही है जो कि बीते साल के मुकाबले 5 गुना ज्यादा है.
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