नई दिल्लीः सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के प्रमुख संगठन नास्कॉम ने आज आईटी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर छंटनियों की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि इस साल शुद्ध आधार पर इस क्षेत्र डेढ़ लाख लोगों की भर्ती की जाएगी. हालांकि इसके साथ ही नास्कॉम ने कहा कि आईटी प्रोफेशनल्स को आज समय के हिसाब से खुद को कुशल बनाने की जरूरत है. दरअसल पिछले कुछ हफ्ते से ऐसी खबरें आ रही हैं कि इस साल विप्रो, इन्फोसिस और कॉग्निजेंट जैसी कंपनियों द्वारा 50,000 से ज्यादा कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा.


स्पष्ट तौर पर क्षेत्र में छंटनी की खबरों का खंडन


नास्कॉम के अध्यक्ष आर चंद्रशेखर ने आज कहा है ‘‘हम स्पष्ट तौर पर क्षेत्र में छंटनी की खबरों का खंडन करते हैं. वित्त वर्ष 2016-17 में इस क्षेत्र में 1.7 लाख नए कर्मचारी जोड़े गए, वहीं अकेले चौथी तिमाही में ही टॉप 5 आईटी कंपनियों ने सकल आधार पर 50,000 से अधिक नियुक्तियां कीं हैं. इसके साथ ही नास्कॉम ने जोड़ा कि कर्मचारियों को खुद को समय की जरूरत के हिसाब से कुशल बनाना होगा या फिर उन्हें हटने के लिए तैयार रहना होगा. इसकी वजह यह है कि आज दुनिया नई टेक्नोलॉजी मसलन ऑटोमेशन, रोबोटिक्स, विश्लेषण और साइबर सुरक्षा की ओर बढ़ रही है.


आईटी सेक्टर में शुद्ध रूप से प्लेसमेंट जारी रहेंगे


चंद्रशेखर ने कहा कि एसोसिएशन ने अपने सदस्यों से बात की है जिन्होंने आश्वासन दिया है कि आईटी सेक्टर में शुद्ध रूप से प्लेसमेंट जारी रहेंगे. इस साल 1.5 लाख नई नियुक्तियां की जाएंगी. इसके अलावा टेक्नॉलॉजी स्टार्टअप, ई-कामर्स, डिजिटल इंडिया और डिजिटल भुगतान जैसे सेक्टर्स में नए अवसर पैदा हो रहे हैं. 2025 तक 30 लाख नए रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है. यहां कॉग्निजेंट, विप्रो और माइंडट्री जैसी दिग्गज आईटी कंपनियों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे.


परफॉरमेंस अप्रेजल प्रोसेस का हिस्सा है मौजूदा ले-ऑफ/संकट की आहत नहीं


आईटी कंपनियों ने अपना सालाना परफॉरमेंस अप्रेजल प्रोसेस शुरू कर दिया है. इस दौरान हर साल खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को हटाया जाता है. नास्कॉम का कहना है कि इस बार भी जो लोग नौकरी से निकाले गए हैं वो इसी परफॉरमेंस अप्रेजल प्रोसेस का हिस्सा है. ये बड़े पैमाने पर छंटनी का संकेत नहीं है. चंद्रशेखर ने कहा कि आईटी कंपनियों ने कहा है कि इस साल कुछ अलग नहीं हुआ है. प्रदर्शन के आधार पर हर साल 0.5 से 3 फीसदी कर्मचारियों को इधर उधर किया जाता है और इस बार भी इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है. प्रत्येक कंपनी प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए इस तरह का कदम उठाती है.


हालांकि, नास्कॉम की ओर से यह नहीं बताया गया कि इस साल छंटनियों को लेकर होहल्ला क्यों मच रहा है. कर्मचारियों की छंटनी की खबर से पूरी आईटी सेक्टर में चिंता है. यह उद्योग पहले ही अमेरिका, सिंगापुर, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में नौकरी-वीजा नियमों को कड़ा किए जाने की वजह से दबाव में है.


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