पानी की पाइपलाइन, बिजली और पानी की निकासी की सुविधाओं वाले प्लॉट की बिक्री पर जीएसटी लगेगा. अग्रिम निर्णय प्राधिकरण (एएआर) ने कहा है कि यदि कोई रियल एस्टेट डेवलपर बुनियादी सुविधाओं वाली जमीन प्लॉट के रूप में बेचता है, तो उसपर जीएसटी लगेगा.
एएआर ने यह भी कहा कि विकसित प्लॉट ‘खरीदार को बिक्री के लिए परिसर के निर्माण’ की धारा के तहत आएगा. इसी के तहत उस पर जीएसटी लगाया जाएगा. एक एप्लीकेंट ने एएआर की गुजरात बेंच के सामने इस बारे में आवेदन कर पूछा था कि क्या प्राथमिक सुविधाओं मसलन बिजली, पानी, जल निकासी, समतल जमीन वाले प्लॉट की बिक्री पर जीएसटी देना होगा.
एएआर ने इसके जवाब में कहा, ‘‘हमारा मानना है कि विकसित प्लॉट ‘खरीदार को बिक्री के लिए परिसर के निर्माण’ की धारा के तहत आएगा. ऐसे में इस पर जीएसटी देना होगा. एएआर ने यह आदेश जारी करते हुए कहा कि आवेदक डेवलप्ड प्लॉट की बिक्री करता है. बिक्री मूल्य में जमीन की लागत के अलावा प्राथमिक सुविधाओं की लागत भी आनुपातिक आधार पर शामिल होती है. इस फैसले का सीधा, तात्कालिक और प्रतिकूल असर समूचे रियल एस्टेट क्षेत्र पर पड़ेगा. इससे विकसित प्लॉटों की बिक्री पर मिलने वाले कर तटस्थ स्थिति का लाभ समाप्त हो जाएगा. ऐसे वक्त में इस तरह के फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर की मंदी और बढ़ सकती है.
प्लॉट की बिक्री पर होगा असर
देश में कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से फैली मंदी से मकान और प्लॉट की बिक्री कम हो रही है. अगर प्लॉट की बिक्री पर जीएसटी लगने लगे तो रियल्टी कारोबार और हतोत्साहित हो सकता है. ताजा खबरों के मुताबिक देश में फ्लैट की बिक्री बुरी तरह प्रभावित हुई है. इनकी बिक्री में 75 फीसदी तक गिरावट आई है. रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े एक्सपर्ट्स मानते हैं इस सेक्टर फिलहाल छह महीनों तक तेजी आने कोई गुंजाइश नहीं दिखती. सरकार अगर इस सेक्टर को बड़ा पैकेज दे तभी इसमें रफ्तार दिखेगी.