Online Advertising: डिजिटल विज्ञापनों से Google और Meta का भरा खजाना, जानें एक साल में कितनी हुई कमाई
Online Advertising Revenue: ऑनलाइन विज्ञापनों की दुनिया में गूगल और मेटा की बादशाहत का अंदाजा लगाना बेहद आसान है और इनकी जॉइंट कमाई पूरी इंडस्ट्री की कमाई का जितना हिस्सा है- वो जानकर आप चौंकेंगे.
Online Advertising: डिजिटल विज्ञापनों से टेक या अन्य सेक्टर की कंपनियों को होने वाले राजस्व को देखें तो ये कमाई के अथाह समंदर के रूप में नजर आता है. ऑनलाइन विज्ञापनों के क्षेत्र की बात इसलिए लाइमलाइट में आ रही है क्योंकि ट्विटर के बाद अब मेटा भी अपने ब्लू टिक के यूजर्स से पैसा वसूलने के लिए नियम लेकर आई है. ध्यान देने वाली बात ये है कि मेटा का प्लान इस समय ट्विटर के प्लान से महंगा है. यानी अगर आपको मेटा पर ब्लू टिक चाहिए तो आपको ट्विटर से ज्यादा पैसा खर्च करना होगा.
ऑनलाइन विज्ञापनों की दुनिया में गूगल और मेटा का दबदबा
ऑनलाइन विज्ञापनों की दुनिया में गूगल और मेटा ये दो कंपनियां ऐसी हैं जिनका दबदबा बना हुआ है. डिजिटल एडवर्टाइजिंग की दुनिया इतनी बड़ी है कि गूगल को अकेले इस माध्यम से साल 2022 में 168 अरब डॉलर (भारतीय रुपये में 13.89 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा) की कमाई हुई है. गूगल को 16,800 करोड़ डॉलर की ये रकम अकेले विज्ञापन राजस्व से मिलती है और इसके साथ कंपनी की बादशाहत ऑनलाइन विज्ञापनों की दुनिया में है.
गूगल और मेटा दोनों कुल मिलाकर दुनिया के डिजिटल एडवर्टाइजिंग रेवेन्यू के कुल 50 फीसदी हिस्से पर काबिज हैं. इन ऐड राजस्व के जरिए दोनों कंपनियों को हर साल अरबों डॉलर्स का फायदा होता है.
मेटा का कितना है विज्ञापन राजस्व
मार्क जकरबर्ग के स्वामित्व वाली मेटा (पहले फेसबुक) के ऐड रेवेन्यू को देखें तो ये भी कम नहीं है. साल 2022 में ऐड रेवेन्यू या विज्ञापन राजस्व के क्षेत्र में फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम की पेरेंट कंपनी मेटा को कुल 112 अरब डॉलर (भारतीय रुपये में 9.26 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा) की कमाई हुई है.
इस साल के लिए Google और Meta के विज्ञापनों का क्या है अनुमान
इस साल गूगल के अमेरिकी रेवेन्यू की बात करें तो ये अकेले 73.8 अरब डॉलर के करीब रहने का अनुमान है.
मेटा के रेवेन्यू अनुमान को देखें तो केवल अमेरिकी ऐड राजस्व से कंपनी को 51 अरब डॉलर की कमाई होने का अनुमान है.
गूगल के ऐड राजस्व पर यूएस सुप्रीम कोर्ट के फैसले से क्यों डर रही हैं अन्य कंपनियां
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में गूगल के ऑनलाइन ऐड के ऊपर जो सुनवाई होने वाली है, उसका असर इसी क्षेत्र की और कंपनियों पर भी देखा जा सकता है. दरअसल गूगल के ऐड के ऊपर अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पक्ष में नहीं आता है तो अन्य कंपनियों को भी इस मामले में सतर्क रुख अपनाना होगा. इसके अलावा ऐड राजस्व के हिसाब से कंपनियों को बड़े बाजारों में और सतर्क नजरिए के साथ काम करने की जरूरत होगी.
मेटा के वेरिफाइड यूजर्स को कितना करना होगा भुगतान
मेटा वेरिफाइड सर्विस का एलान करते हुए जुकरबर्ग ने यूजर्स को यह भी बताया कि उन्हें कितनी रकम खर्च करनी होगी. जुकरबर्ग के मुताबिक, एक यूजर को वेब आधारित सत्यापन के लिए 11.99 डॉलर (992.36 रुपये) प्रति माह और iOS पर इस सेवा के लिए 14.99 डॉलर (1240.65 रुपये) प्रति माह चुकाने होंगे. इस तरह फेसबुक का ब्लू टिक ट्विटर से महंगा होकर सामने आया है.
ट्विटर के ब्लू टिक यूजर्स को देने होते हैं इतने रुपये
ट्विटर के यूजर्स को इस समय ब्लू टिक के लिए 650 रुपये हर महीने खर्च करने पड़ेंगे. अगर आपने सालाना प्लान लिया है यानी आप एकमुश्त पैसा अदा करते हैं तो आपको 566 रुपये ही महीने के लिए देने होंगे. अगर आप एकमुश्त प्लान लेते हैं तो आपको 6800 रुपये सालाना के लिए देने होंगे और अगर आपको मंथली प्लान लेना है तो आपको 650 रुपये हर महीने का खर्च पड़ेगा और 7800 रुपये अदा करने होंगे.
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