पहले ठुकरा दिया था सौदा, अब गूगल ने 32 अरब डॉलर में खरीद ली Wiz Inc. साइबर सिक्योरिटी कंपनी
गूगल की पेरेंट कंपनी Alphabet Inc. के शेयरों में इस खबर के बाद मामूली बढ़त देखी गई. प्री-मार्केट सेशन में कंपनी का स्टॉक 0.07 फीसदी बढ़कर 164.34 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था.

गूगल ने मंगलवार, 18 मार्च को Wiz Inc., न्यूयॉर्क की एक बड़ी साइबर सिक्योरिटी कंपनी को 32 अरब डॉलर में खरीदने का ऐलान किया है. यह डील गूगल की अब तक की सबसे बड़ी ऑल-कैश डील मानी जा रही है. इस अधिग्रहण के ज़रिए गूगल अपने Google Cloud बिज़नेस को और मज़बूत करना चाहता है.
क्यों खास है यह डील?
गूगल के मुताबिक, यह सौदा क्लाउड सिक्योरिटी को बेहतर बनाने और मल्टी-क्लाउड टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए किया गया है. आसान भाषा में कहें तो, अब बिज़नेस और सरकारों को पहले से ज़्यादा सुरक्षित और मज़बूत क्लाउड स्टोरेज और सिक्योरिटी सॉल्यूशंस मिलेंगे.
अल्फाबेट के शेयर में हल्की बढ़त
गूगल की पेरेंट कंपनी Alphabet Inc. के शेयरों में इस खबर के बाद मामूली बढ़त देखी गई. प्री-मार्केट सेशन में कंपनी का स्टॉक 0.07 फीसदी बढ़कर 164.34 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था.
सुंदर पिचाई का बयान
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा, "गूगल हमेशा से साइबरसिक्योरिटी को प्राथमिकता देता आया है. आज, बिज़नेस और सरकारें पहले से ज़्यादा सुरक्षित क्लाउड सॉल्यूशंस और मल्टी-क्लाउड ऑप्शंस चाहती हैं. Google Cloud और Wiz मिलकर क्लाउड सिक्योरिटी को नए स्तर पर ले जाएंगे."
2020 में बनी थी ये कंपनी
Wiz Inc. की स्थापना 2020 में हुई थी और यह काफी तेज़ी से ग्रो कर रही थी. इसमें Greenoaks, Sequoia Capital, Index Ventures, Insight Partners और Cyberstarts जैसे बड़े इन्वेस्टर्स का निवेश था. मई 2024 में Wiz की वैल्यू 12 अरब डॉलर आंकी गई थी.
गूगल का ऑफर ठुकरा चुका था Wiz
Wiz के सीईओ असाफ रैपापोर्ट ने पहले गूगल के अधिग्रहण प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. वह Wiz को CrowdStrike और Palo Alto Networks जैसी दिग्गज साइबरसिक्योरिटी कंपनियों के खिलाफ खड़ा करना चाहते थे. इसके अलावा, Wiz और उसके इन्वेस्टर्स को डर था कि टेक इंडस्ट्री में बढ़ती मॉनिटरी जांच के कारण यह डील लंबे समय तक अटकी रह सकती है.
क्या इस डील पर सरकार की नज़र पड़ेगी?
गूगल पहले से ही अमेरिकी सरकार की एंटी-ट्रस्ट जांच का सामना कर रहा है. हाल ही में, एक फेडरल जज ने फैसला सुनाया था कि गूगल ने ऑनलाइन सर्च मार्केट में ग़ैरक़ानूनी मोनॉपॉली बनाई हुई है. इसके अलावा, डिजिटल एडवरटाइज़िंग बिज़नेस को लेकर भी गूगल पर केस चल रहा है. ऐसे में, Wiz का अधिग्रहण भी जांच के घेरे में आ सकता है.
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