Sundar Pichai Birthday: सुंदर पिचई की फ्लाइट पर पिता ने खर्च की थी साल भर की सैलरी, आज 8000 करोड़ के मालिक
Google CEO: गूगल के भारतीय मूल के सीईओ सुंदर पिचई का आज जन्मदिन है. वह 52 साल के हो गए हैं. एक मिडिल क्लास फैमिली में जन्मे सुंदर पिचई आज दुनिया की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनी को संभाल रहे हैं.
Google CEO: गूगल के सीईओ सुंदर पिचई (Sundar Pichai) आज पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना चुके हैं. 10 जून, 1972 को जन्मे सुंदर पिचई आज 52 साल के हो गए हैं. सुंदर पिचई की नेट वर्थ फिलहाल 1 अरब डॉलर (8342 करोड़ रुपये) आंकी जाती है. वह टेक सीईओ के उस खास समूह में भी आते हैं, जो फाउंडर न होने के बावजूद अरबपति बने. हालांकि, मिडिल क्लास फैमिली में जन्मे सुंदर पिचई ने बहुत कठिन समय भी देखा है. उनके पिता ने उन्हें पढ़ने के लिए अमेरिका भेजने पर अपनी साल भर की कमाई खर्च कर दी थी.
स्टैनफोर्ड जाते समय पहली बार फ्लाइट में बैठे
सुंदर पिचई का कहना है कि भाग्य के साथ ही टेक्नोलॉजी के लिए उनका पैशन और खुले विचारों से सोचना ही उन्हें इतने आगे लेकर आया है. गूगल के सीईओ का जन्म चेन्नई में हुआ था. उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी आईआईटी से की थी. इसके बाद जब उन्हें पढ़ने के लिए स्टैनफोर्ड जाना था तो फ्लाइट के टिकट बहुत महंगे थे. उनके पिता को टिकट खरीदने के लिए अपनी साल भर की वेतन खर्च करनी पड़ी थी. प्लेन में बैठने का सुंदर पिचई का यह पहला अनुभव था. उन्हें पढ़ाने के लिए परिवार को बहुत संघर्ष करने पड़े थे.
पढ़ाई के दौरान नहीं था टेक्नोलॉजी का साथ
एक कार्यक्रम के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए सुंदर पिचई ने कहा था कि दुनिया आपको बदलाव करने के लिए याद रखेगी. आपको हमेशा सोचना चाहिए कि आप क्या बेहतर कर सकते हैं. उन्होंने अपनी पढ़ाई के दिनों को याद करते हुए कहा कि हमारे पास टेक्नोलॉजी का साथ नहीं था. जब मैं 10 साल का हुआ तो पहली बार टेलीफोन हमारे घर आया. अमेरिका आने से पहले मेरे पास कंप्यूटर नहीं था. हमारे यहां टीवी पर भी एक ही चैनल आता था.
पिता रघुनाथ पिचई इंजीनियर और मां लक्ष्मी थीं स्टेनोग्राफर
आईआईटी खड़गपुर से पढ़ाई करने के बाद सुंदर पिचई ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से आगे की पढ़ाई की. इसके बाद यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया से एमबीए किया. वह गूगल में लगभग 20 साल से काम कर रहे हैं. उनके पिता रघुनाथ पिचई भी इंजीनियर और मां लक्ष्मी पिचई स्टेनोग्राफर थीं. वह और उनके भाई एक ही कमरे में सोते थे. उनके पास कार भी नहीं थी.
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