CEO Salary News Update: दुनियाभर की टेक कंपनियों में भले ही कर्मचारियों की छंटनी की जा रही हो, सैलेरी में बढ़ोतरी पर संशय बना हुआ हो लेकिन इन टेक और दूसरे सेक्टर के कंपनियों के सीईओ की सैलेरी में लगातार इजाफा देखा जा रहा है. आंकड़ों के मुताबिक एक सामान्य कर्मचारी और सीईओ की सैलेरी में 18 से 20 गुना ज्यादा फर्क देखने को मिलता है.  


इक्विलार की एक रिपोर्ट की मानें तो 2022 में गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट ( Alphabet) के सीईओ सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) को 1855 करोड़ रुपये सैलेरी और दूसरे भत्ते के रूप में मिले थे. जबकि गूगल ( Google) के कर्मचारी का औसतन वेतन 2.29 करोड़ रुपये है. रिपोर्ट के मुताबिक एक सामान्य गूगल के कर्मचारी को सीईओ की सैलेरी पाने में 808 साल लगेंगे. 2021 में सुंदर पिचाई की सैलेरी केवल 51.88 करोड़ रुपये ही थी. वो भी कर्मचारियों को औसतन सैलेरी के 21 गुना ज्यादा था. 


कुछ और ग्लोबल कंपनियों के सीईओ के सैलेरी पर नजर डालें तो टेस्ला ( Tesla) के सीईओ एलन मस्क ( Elon Musk) की सालाना सैलेरी 1.92 लाख करोड़ रुपये है जबकि टेस्ला के कर्मचारी की औसत वेतन 1.22 करोड़ रुपये है. एप्पल (Apple) के सीईओ टिक कुक ( Tim Cook) की सालाना सैलेरी 812 करोड़ रुपये है जबकि एप्पल के कर्मचारियों का औसत सालाना वेतन 1.46 करोड़ रुपये है. माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला ( Satya Nadela) की सालाना सैलेरी 451 करोड़ रुपये है जबकि कर्मचारियों की सलाना औसत सैलेरी 1.29 करोड़ रुपये है.  


एक कर्मचारी के मुकाबले सीईओ की सैलेरी ज्यादा होती है. लेकिन ये हर कंपनी की कहानी है. क्योंकि वो सीईओ ही है जो कंपनी को नई दिशा दिखाता है और एक मुकाम तक लेकर जाता है. उसके ही फैसलों पर कंपनी के शेयर की चाल निर्भर करती है. जिससे कंपनी का वैल्यू बढ़ने के साथ शेयरधारकों को होने वाला मुनाफा निर्भर करता है. कंपनी के सीईओ के गलत फैसले का खामियाजा भी कंपनी को ही उठाना पड़ता है. 


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