त्योहारों का सीजन जोरों पर है. अभी-अभी नवरात्रि और दशहरे का त्योहार बीता है. अब दिवाली का त्योहार आने वाला है. दिवाली के मौके पर लोग एक-दूसरे को तोहफे देते हैं. नौकरी करने वालों को कंपनियां भी दिवाली पर तोहफे देती हैं. आइए जानते हैं कि तोहफों पर किस तरह से टैक्स लगता है...
किन मामलों में देना पड़ेगा टैक्स
इनकम टैक्स कानून के मुताबिक, एक वित्त वर्ष में 50 हजार रुपये तक के गिफ्ट पर टैक्स से छूट है. गिफ्ट की रकम 50 हजार रुपये से ऊपर जाने पर यह टैक्सेबल हो जाता है. यानी अगर साल भर में आपको 50 हजार रुपये से अधिक के गिफ्ट मिले हैं तो आपको इनकम टैक्स पूरी रकम पर चुकाना होगा. इसे इस उदाहरण से समझिए. अगर आपको एक ही वित्त वर्ष के दौरान 25,000 रुपये और 28,000 रुपये के गिफ्ट मिले हैं तो पूरी रकम 53,000 रुपये हो गई. ऐसे में यह टैक्सेबल होगी, जो कि आपकी आय में जुड़ जाएगी और टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा.
इस स्थिति में नहीं लगेगा टैक्स
50 हजार रुपये से ज्यादा के गिफ्ट मिलने पर इसे 'अन्य स्त्रोतों से आय' माना जाता है. अगर, यही रकम 25, हजार रुपये और 18 हजार रुपये होती तो पूरे साल में मिले गिफ्ट की कुल वैल्यू 43 हजार रुपये होती. ऐसे में आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ता.
इनसे मिले गिफ्ट पर टैक्स नहीं
गिफ्ट पर टैक्स की देनदारी इस बात पर भी निर्भर करती है कि गिफ्ट दे कौन रहा है. 'रिलेटिव यानी रिश्तेदारों' से मिले गिफ्ट पर कोई टैक्स नहीं लगता है, चाहे गिफ्ट की रकम 50 हजार रुपये से ज्यादा क्यों न हो. रिश्तेदारों में पति या पत्नी, भाई या बहन, माता-पिता, पति या पत्नी के माता-पिता समेत अन्य शामिल हैं.
इस तरह से तय होगी टैक्स की दर
आयकर विभाग दोस्तों को रिश्तेदार नहीं मानता है. इसका मतलब हुआ कि अगर आपको दोस्तों से दिवाली के मौके पर 50 हजार रुपये से ज्यादा के गिफ्ट मिलते हैं तो आपको इनकम टैक्स भरना होगा. यही नियम कंपनी से मिले तोहफों पर भी लागू होगा. टैक्स की दर का निर्धारण आपकी टैक्स स्लैब के हिसाब से होगा. यानी आपकी कुल कमाई में तोहफों की वैल्यू ऐड करने के बाद इनकम जिस स्लैब में जाएगी, उसी स्लैब के हिसाब से टैक्स की देनदारी बनेगी.
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