Windfall Tax Reuced: शेयर बाजार में ऑयल एंड गैस सेक्टर और इससे जुड़ी कंपनियों के शेयरों में आज उछाल देखा जा रहा है. इसके पीछे एक बड़ी वजह है कि सरकार ने आज कच्चे तेल, डीजल और एविएशन फ्यूल पर विंडफॉल टैक्स में कटौती का ऐलान कर दिया है. इससे ऑयल एंड गैस कंपनियों के शेयरों में तेजी लौटी है. विंडफॉल टैक्स की जारी की गई दरें 17 जनवरी, 2023 यानी आज से लागू हो गई हैं.


कच्चे तेल पर क्या है सरकार का फैसला


केंद्र सरकार ने घरेलू बाजार में उत्पादित कच्चे तेल (Crude Oil) के विंडफॉल टैक्स में 200 रुपये प्रति टन की कटौती कर दी है. कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 2100 रुपये प्रति टन से कम करके 1900 रुपये प्रति टन कर दिया गया है. इस तरह इसमें सीधा 200 रुपये प्रति टन की कमी की गई है.


एविएशन टरबाइन फ्यूल पर कितना घटा विंडफॉल टैक्स


एविएशन टरबाइन फ्यूल पर (ATF) पर विंडफॉल टैक्स का रेट 4.5 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 3.5 रुपये प्रति लीटर करने का एलान किया गया है. एटीएफ या जेट फ्यूल के विंडफॉल टैक्स में प्रति लीटर 1 रुपये की गिरावट आई है.


डीजल पर भी विंडफॉल टैक्स घटाया गया


केंद्र सरकार ने एक नोटिफिकेशन निकालकर डीजल पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स को 6.5 रुपये प्रति लीटर से 1.5 रुपये प्रति लीटर कम किया है. इससे अब डीजल पर लगने वाला विंडफॉल टैक्स घटकर 5 रुपये प्रति लीटर हो गया है जो पहले 6.5 रुपये प्रति लीटर था.


पेट्रोल पर लगने वाले टैक्स को लेकर क्या है खबर


पेट्रोल पर सरकार ने किसी तरह के विंडफॉल टैक्स का एलान नहीं किया है और इसके निर्यात पर पहले भी कोई टैक्स लागू नहीं था. Petrol पर एक्सपोर्ट ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं किया गया है.


इससे पहले जनवरी की शुरुआत में बढ़ाए थे विंडफॉल टैक्स


जनवरी की शुरुआत में कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 1700 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 2100 रुपये प्रति टन तक ले जाया गया था. इसी समय डीजल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी 5 रुपये से बढ़ाकर 6.50 रुपये कर दी गई थी.  इसके अलावा एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी 1.5 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 4.5 रुपये प्रति लीटर पर लाई गई थी.


क्या है विंडफॉल टैक्स


विंडफॉल टैक्स को कच्चे तेल के दाम बढ़ने से हुए मुनाफे को कम करने के लिए लगाया जाता है. इसे पिछले साल जुलाई में पहली बार केंद्र सरकार ने लागू किया था जिसका मकसद था कि ऑयल कंपनियों को कच्चे तेल के एक्सपोर्ट पर मिलने वाले मुनाफे पर सरकार कुछ टैक्स लगाकर रेवेन्यू बढ़ा सके. विंडफॉल टैक्स की समीक्षा हर 15 दिन में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड की ओर से की जाती है.


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