Illegal Lending Apps: गैरकानूनी डिजिटल लेंडिंग ऐप्स पर शिकंजे की तैयारी! सरकार ने गूगल से नियंत्रण लगाने को कहा
Illegal Digital Lending Apps: सरकार ने गूगल से ऐसे गैरकानूनी ऐप्स को भारत में ऑपरेशन करने से रोकने के लिए उनपर शिकंजा कसने को कहा है.
Illegal Lending Apps: आम लोगों के गैरकानूनी डिजिटल लेंडिंग ऐप से निजात दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने गूगल से कड़े चेकिंग का प्रावधान करने को कहा है. सरकार ने गूगल से ऐसे गैरकानूनी ऐप्स को भारत में ऑपरेशन करने से रोकने के लिए उनपर शिकंजा कसने को कहा है. भले ही Google भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के दायरे में नहीं आता है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में आरबीआई और भारत सरकार ने बैठकों में गूगल को कई बार बुलाकर सख्त प्रावधान करने का आग्रह किया गया है. जिससे ऐसे ऐप्स को ऑपरेट करने से रोका जा सके.
महामारी के दौरान ऐसे गैरकानूनी डिजिटल लेंडिंग ऐप काफी लोकप्रिय हो गए थे. सरकार से लेकर आरबीआई ने अवैध उधार देने वाले ऐप्स के खिलाफ जांच करने के लिए कहा है. ये गैरकानूनी डिजिटल लेंडिंग ऐप ऊंची ब्याज दरों पर लोगों को कर्ज उपलब्ध कराते हैं. और कर्ज समय पर नहीं चुकाने वालों को प्रताड़ित करने से लेकर धमकी देता हैं साथ गैरकानूनी रास्ता अपनाकर उनसे वसूली करते हैं.
Google ने पिछले साल वित्तीय सेवाओं के ऐप्स के लिए Play Store डेवलपर प्रोग्राम नीति को संशोधित किया था. सितंबर 2021 से प्रभावी भारत में पर्सन लोन ऐप्स के लिए अतिरिक्त जानकारियां उपलब्ध कराने को जरुरी कर दिया था. Google ने अपने प्ले स्टोर से भारत से जुड़े 2,000 से अधिक पर्सलन लोन ऐप को प्ले स्टोर से हटा दिया है.
आरबीआई चाहता है ऐप स्टोर पर मौजूद सभी लेंडिंग ऐप रेग्युलेटेड एजेंसियों से मान्यता प्राप्त हो. Google को अन्य वितरण चैनलों जैसे वेबसाइटों और डाउनलोड के अन्य माध्यमों के माध्यम के जरिए भी ऐसे ऐप्स के पनपने से रोकने खातिर कदम उठाने को कहा गया है.
इससे पहले गैरकानूनी तरीके से चलाये जा रहे लोन एप्स को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बड़ी बैठक की थी. बैठक में वित्त मंत्री ने इन गैरकानूनी एप्स द्वारा आर्थिक रुप से कमजोर और कम आय वाले लोगों को ऊंचे ब्याज दरों पर कर्ज दिए जाने, प्रोसेसिंग हिडेन चार्ज , छिपे हुए शुल्कों पर लोन और माइक्रो क्रेडिट की पेशकश, ब्लैकमेलिंग, आपराधिक धमकी से युक्त वसूली प्रथाओं पर चिंता व्यक्त की थी. बैठक में इन लोन एम्स से जुड़े कानूनी, टेक्निकल पहलुओं को लेकर चर्चा की गई और कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. जिसमें आरबीआई से कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त Apps का व्हाइटलिस्ट तैयार करने के लिए कहा गया. आरबीआई ऐसे किराये वाले अकाउंट की मॉनिटरिंग करेगा जिसका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जा सकता है.
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