Minimum Balance: मिनिमम बैलेंस के नाम पर बैंकों ने आपके खातों से काटे 8500 करोड़ रुपये, बस ये सरकारी बैंक नहीं वसूल रहा पेनल्टी
Minimum Balance Penalty: 12 सरकारी बैंकों ने मिलकर पिछले वित्त वर्ष के दौरान मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करने पर ग्राहकों के ऊपर 2 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की पेनल्टी लगाई...
अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखने की शर्त ग्राहकों के ऊपर बोझ साबित हो रही है. विभिन्न बैंक मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करने के चलते ग्राहकों से जुर्माने के रूप में मोटी रकम वसूल कर रहे हैं, जिससे बैंकों को जबरदस्त कमाई हो रही है. बताया जा रहा है कि सरकारी बैंकों ने सिर्फ पांच साल में इस तरह से लगभग 8,500 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है.
केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में दी जानकारी
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बैंकों के द्वारा मिनिमम बैलेंस पेनल्टी के नाम पर की गई वसूली के आंकड़ों की जानकारी मंगलवार को दी. वह लोकसभा में एक सवाल का लिखित जवाब दे रहे थे. केंद्रीय मंत्री के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, बीते 5 सालों में सरकारी बैंकों ने मिनिमम बैलेंस पेनल्टी के रूप में ग्राहकों से 8,494 करोड़ रुपये की कमाई की है.
पिछले वित्त वर्ष में 2000 करोड़ के पार
अभी देश में सरकारी क्षेत्र के 12 बैंक काम कर रहे हैं. सभी 12 सरकारी बैंकों ने बीते वित्त वर्ष के दौरान मिनिमम बैंक बैलेंस पेनल्टी के रूप में 2,331 करोड़ रुपये की कमाई की. वित्त वर्ष 2023-24 का यह आंकड़ा पिछले 5 साल में सबसे ज्यादा है और पहली बार किसी एक वित्त वर्ष में मिनिमम बैलेंस पेनल्टी से सरकारी बैंकों की कमाई 2 हजार करोड़ रुपये के पार निकली है.
बीते कुछ सालों में पेनल्टी का आंकड़ा
उससे पहले सरकारी बैंकों को वित्त वर्ष 2022-23 में मिनिमम बैलेंस पेनल्टी से 1,855 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी. उससे पहले मिनिमम बैंक बैलेंस नहीं रखने पर सरकारी बैंकों ने पेनल्टी के रूप में 2021-22 में 1,429 करोड़ रुपये, 2020-21 में 1,142 करोड़ रुपये और 2019-20 में 1,738 करोड़ रुपये कमाए. इस तरह बीते पांच साल में पेनल्टी से वसूली गई रकम लगभग 8,500 करोड़ रुपये हो जाती है.
एसबीआई ने बंद कर दी पेनल्टी
सरकारी बैंकों के द्वारा मिनिमम बैलेंस पेनल्टी की वसूली का आंकड़ा इस तथ्य के बाद भी बढ़ रहा है कि सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने अब इसकी वसूली बंद कर दी है. सबसे ज्यादा ग्राहकों वाले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने आखिरी बार 2019-20 में मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर ग्राहकों से पेनल्टी ली थी. तब एसबीआई को 640 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी. उसके बाद एसबीआई ने पेनल्टी बंद कर दी और पिछले 4 वित्त वर्ष से वह ग्राहकों से मिनिमम बैलेंस की पेनल्टी नहीं ले रहा है.
पीएनबी ने वसूली सबसे ज्यादा पेनल्टी
अभी बाकी के 11 सरकारी बैंकों में देखें तो मिनिमम बैलेंस पेनल्टी से सबसे ज्यादा कमाई पंजाब नेशनल बैंक की हो रही है. पिछले वित्त वर्ष यानी 2023-24 में दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पीएनबी ने इस तरह से 633 करोड़ रुपये की कमाई की. दूसरे नंबर पर 387 करोड़ रुपये के साथ बैंक ऑफ बड़ौदा रहा. इंडियन बैंक ने 369 करोड़ रुपये की कमाई की. इसी तरह मिनिमम बैलेंस पेनल्टी से केनरा बैंक को 284 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ इंडिया को 194 करोड़ रुपये की कमाई हुई.
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