Minimum Balance: बचत खातों के मिनिमम बैलेंस पेनल्टी से जमकर कमा रहे बैंक? वित्त मंत्री का जवाब- गरीबों को नहीं होगा कोई नुकसान
Minimum Balance Penalty: सरकारी बैंकों के द्वारा मिनिमम बैलेंस पेनल्टी लगाकर हजारों करोड़ कमाने की खबरें सामने आने के बाद यह मुद्दा संसद तक पहुंच गया था और सरकार से सवाल होने लगे थे...
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सरकारी बैंकों के द्वारा मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर पेनल्टी वसूलने का मुद्दा संसद तक पहुंच गया है. इस मुद्दे को लेकर राज्यसभा में सरकार से सवाल किए गए. हालांकि सरकार का कहना है कि गरीबों से बैंक इस तरह की पेनल्टी वसूल नहीं करते हैं और न ही आगे पेनल्टी लेने की कोई योजना है.
राज्यसभा में सरकार से पूछे गए सवाल
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में मंगलवार को मिनिमम बैलेंस पेनल्टी से जुड़े सवालों का जवाब दे रही थीं. उनसे पूछा गया था कि क्या सरकारी बैंक गरीबों से मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करने पर पेनल्टी वसूल रहे हैं और मोटी कमाई कर रहे हैं. जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों के द्वारा गरीबों के खाते पर पेनल्टी नहीं वसूल की जाती है.
इन लोगों को मिनिमम बैलेंस की जरूरत नहीं
उन्होंने कहा कि जन धन अकाउंट या बेसिक सेविंग अकाउंट के मामले में लोगों को मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने की जरूरत नहीं है. प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खोले गए बैंक अकाउंट में जीरो बैलेंस रहने पर भी बैंक पेनल्टी नहीं लगाते हैं. इसी तरह बेसिक सेविंग अकाउंट में भी जीरो बैलेंस रहने पर पेनल्टी नहीं लगाई जाती है. वित्त मंत्री ने बताया कि बैंक सिर्फ वैसे सेविंग अकाउंट के मामले में मिनिमम बैलेंस पेनल्टी वसूल करते हैं, जिनमें मिनिमम रकम रखने की शर्त होती है.
सरकार ने बताया था ये आंकड़ा
पिछले महीने वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में बताया था कि सरकारी बैंकों ने पिछले पांच साल में मिनिमम बैलेंस पेनल्टी से लगभग 8,500 करोड़ रुपये की कमाई की है. सरकारी बैंकों ने मिलकर बीते सिर्फ वित्त वर्ष में ही मिनिमम बैंक बैलेंस पेनल्टी से 2,331 करोड़ रुपये की कमाई की थी. इस आंकड़े के सामने आने के बाद सरकार से तमाम सवाल उठने लगे थे.
एसबीआई नहीं लगाता है पेनल्टी
अभी देश में 12 सरकारी बैंक काम कर रहे हैं. उनमें सबसे बड़े स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने मिनिमम बैलेंस पेनल्टी वसूल करना पहले ही बंद कर दिया है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने आखिरी बार 2019-20 में मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर ग्राहकों से पेनल्टी ली थी. एसबीआई ने उसके बाद मिनिमम बैलेंस के चलते पेनल्टी लगाना बंद कर दिया. यानी हालिया सालों में पेनल्टी से कमाई का जो आंकड़ा सामने आया है, वह बाकी के 11 सरकारी बैंकों का है.
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