Public Sector Banks: सरकारी बैंकों ने खोल दिए अपने दरवाजे, 15000 रुपये की सैलरी पर रखे जाएंगे हजारों ट्रेनी
Apprenticeship Programmes: इस अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक ने शुरू कर दिया है. इसके साथ ही बैंक ऑफ इंडिया में भी इसे मंजूरी मिल गई है.
Apprenticeship Programmes: पब्लिक सेक्टर बैंकों (Public Sector Banks) में पहली बार ट्रेनी कर्मचारी बड़ी संख्या में रखे जा रहे हैं. बैंकों के अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम (Apprenticeship Programmes) के तहत छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में इनकी नियुक्ति की जाएगी. ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत आने वाले ये कर्मचारी बैंकों की सर्विस हर कस्टमर तक पहुंचाने में मदद करेंगे. पिछले कुछ सालों में पब्लिक सेक्टर बैंकों के कर्मचारियों की संख्या तेजी से कम हुई है. अब अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम के तहत होने जा रही हायरिंग से आने वाले ये लोग बैंकों की वर्कफोर्स में आई कमी को दूर करेंगे.
कई बैंकों में हजारों लोगों को ट्रेनिंग देने की मिली मंजूरी
हाल ही में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India), केनरा बैंक (Canara Bank) और इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) ने अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम के तहत लोगों की नियुक्ति शुरू कर दी है. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 500, केनरा बैंक ने 3000 और इंडियन ओवरसीज बैंक ने 550 ग्रेजुएट की नियुक्ति शुरू कर दी है. इस एक साल लंबे अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम में नियुक्त होने वाले लोगों को 15 हजार रुपये तक हर महीना मानदेय दिया जाएगा. इन बैंकों ने पहली बार अप्रेंटिसशिप हायरिंग की है.
फाइनेंशियल सेक्टर में नौकरी मिलने में आसानी हो जाएगी
बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) के बोर्ड ने भी अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम शुरू करने की मंजूरी दे दी है. बैंक में करीब 1300 लोग नियुक्त किए जाएंगे. इनको कस्टमर रिलेशन का काम सौंपा जाएगा. केनरा बैंक के एमडी एवं सीईओ के सत्यनारायण राजू (K Satyanarayana Raju) के अनुसार, ज्यादातर ट्रेनी दूरदराज के इलाकों में नियुक्त किए जाएंगे. ये लोगों तक बैंकों की सर्विस पहुंचाने की कोशिश करेंगे. बैंकों के साथ काम करने का अनुभव मिलने से इन्हें फाइनेंशियल सेक्टर (Financial Sector) में नौकरी मिलने में आसानी हो जाएगी.
बैंकों में नौकरी मिलने की कोई गारंटी नहीं होगी
हालांकि, अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम पूरा होने के बाद इन्हें बैंकों में नौकरी मिलने की कोई गारंटी नहीं होगी. मगर, बैंकों को इनसे काफी फायदा होगा. इन्हें हर उस जगह पर इस्तेमाल किया जाएगा, जहां बैंकों को कर्मचारियों की कमी है. ये सीनियर सिटीजन कस्टमर तक बैंकों की सेवाएं पहुंचाने में अहम भूमिका निभा सकेंगे. साथ ही बैंक कर्मचारियों के ऊपर से भी वर्क लोड कम होगा. इनमें से ज्यादातर को उनके निवास स्थान पर ही तैनाती दी जाएगी. इनसे लोन रिकवरी, कलेक्शन, ऑपरेशंस, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और लोन प्रोसेसिंग जैसे काम सौंपे जा सकते हैं.
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