(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Vi में सरकार की होगी सबसे बड़ी हिस्सेदारी, 16,133 करोड़ के कर्ज को इक्विटी में बदलने की मंजूरी
Government Stake in Vodafone Idea: वोडाफोन आइडिया (Vi) में अब सरकार की सबसे बड़ी हिस्सेदारी होगी. कंपनी के निदेशक मंडल ने बकाया ब्याज को 16,133 करोड़ इक्विटी शेयर में बदलने की मंजूरी दे दी है.
Vodafone Idea News: कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) में अब सरकार की बड़ी हिस्सेदारी होगी. दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vi) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 16,133 करोड़ रुपये प्राइस के इक्विटी शेयर (Vodafone Idea Share) सरकार को आवटित करने की मंजूरी दे दी है. अब कंपनी में सरकारी की सबसे ज्यादा यानी कि 33.44 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी.
कंपनी ने मंगलवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि सरकार को यह हिस्सेदारी बकाया ब्याज में दी जा रही है. यह ब्याज समायोजित सकल राजस्व (AGR) और स्पेक्ट्रम नीलामी का भुगतान टाले जाने पर लगाया गया है. सरकार को 10 रुपये प्रति शेयर पर हिस्सेदारी दी जाएगी.
कंपनी ने फाइलिंग में क्या दी जानकारी
वोडाफोन आइडिया ने फाइलिंग में कहा कि कंपनी के निदेशक मंडल ने मंगलवार को हुई बैठक में 10 रुपये अंकित मूल्य के 16,133,198,899 इक्विटी शेयर 10 रुपये प्रति शेयर के भाव पर भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ इंवेस्टमेंट एंड पब्लिक ऐसेट मैनेजमेंट को देने की मंजूरी दी है.
सरकार ने इस प्रस्ताव को दी थी मंजूरी
सरकार का वोडाफोन आइडिया पर 16,133 करोड़ रुपये का बकाया ब्याज था. कंपनी ने ब्याज को चुकाने के बाद इसे इक्विटी में बदलने का प्रस्ताव दिया था. बकाया ब्याज को इक्विटी में बदलने के प्रस्ताव को सरकार ने पिछले हफ्ते ही मंजूरी दे दी थी. कंपनी ने कहा कि शेयरों का ट्रांसफर के बाद कंपनी में भारत सरकार की हिस्सेदारी 33.44 प्रतिशत हो जाएगी.
वोडाफोन और आदित्य बिड़ला के पास हिस्सेदारी
सरकार की हिस्सेदारी बढ़ने के बाद वोडाफोन आइडिया की पेड अप इक्विटी कैपिटल 48 हजार करोड़ रुपये हो जाएगी. इसमें 10 रुपये अंकित मूल्य के 48,252,032,784 इक्विटी शेयर शामिल हैं. कंपनी के प्रमोटरों में आदित्य बिड़ला समूह और वोडाफोन समूह के पास क्रमश: 18.07 प्रतिशत और 32.29 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
वोडाफोन आइडिया के लिए अभी रहेंगी चुनौतियां
विश्लेषकों का कहना है कि वोडाफोन आइडिया के लिये बुनियादी चुनौती अब भी बरकरार है. कंपनी ने फाइबर, 5जी और अन्य प्रमुख दूरसंचार बुनियादी ढांचे में कम निवेश किया है. ऐसे में इसे 6 से 8 अरब डॉलर की आवश्यकता है.
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