Online Shopping: ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping)  करने के दौरान कई बार किसी प्रोडक्ट या सर्विस के अच्छे रिव्यू पढ़ने के बाद कस्टमर झांसे में आ जाते हैं. क्योंकि अच्छे रिव्यू के चलते इन प्रोडेक्ट्स की रेटिंग 4 से 5 स्टार तक होती है. जो रिव्यू देते हैं उन्हें कंपनियां बेहतर रिव्यू देने के लिए रिवॉर्ड्स देती है. लेकिन ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड ( Bureau Off Indian Standard) ऑनलाइन शॉपिंग में किसी प्रोडक्ट या सर्विसेज के रिव्यू के तौर तरीकों में पारदर्शिता लाने की तैयारी में है. 


रिवॉर्ड्स वाले रिव्यू पर शिकंजा
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड ने ऑनलाइन कंज्यूमर रिव्यू के स्टैंडर्ड को लेकर जो ड्राफ्ट तैयार किया है जिसमें बीआईएस ( BIS) ने सुझाव दिया है कि ऑनलाइन साइट्स के एडमिनिस्ट्रेशन किसी प्रोडक्ट सर्विसेज की ओवरऑल रेटिंग को कैलकुलेट करते समय रिवॉर्ड्स के आधार पर दिए गए रेटिंग को इसमें नहीं जोड़ेंगे. ऐसे रिव्यू की रेटिंग्स अलग से हो जिससे ग्राहक ये समझ जाएं कि ये बाकी रिव्यू से अलग है. 


10 नवंबर तक देना है सुझाव 
दरअसल ऑनलाइन साइट्स पर शॉपिंग के दौरान ग्राहक किसी प्रोडक्ट या सर्विसेज के रिव्यू को देखकर खरीदारी का फैसला लेता है. ई-कॉमर्स साइट्स, फूड डिलिवरी, ग्रॉसरी साइट्स पर किसी भी प्रोडक्ट पर रिव्यू और रेटिंग्स रहती है.  ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड  ने सभी स्टेकहोल्डर्स को 10 नवंबर, 2022 तक ड्रॉफ्ट पेपर पर सुझाव देने के लिए कहा गया है. 


क्या है ड्रॉफ्ट प्रस्ताव
ड्रॉफ्ट प्रस्ताव में कहा गया है कि ऑनलाइन साइट्स किसी भी प्रोडक्ट या सर्विसेज की रेटिंग रिव्यू में रिवॉर्ड्स या भुगतान के आधार पर दी गई रेटिंग्स को नहीं जोड़ेंगे. रिवॉर्ड्स के आधार पर दी गई रेटिंग्स अलग से डिस्प्ले किए जाएगा. जिससे ग्राहक उसे बाकी रिव्यू से अलग पहचान कर सकें. रिवॉर्ड्स के आधार पर दिए गए रेटिंग्स की अलग से लिस्ट हो. रिवॉर्ड्स कैश, प्रोडक्ट या फिर किसी प्रतिस्पर्धा के आधार पर तय होनी चाहिए. ऐसा स्टैंडर्ड बनाया जाए जिससे पता रहे कि  रिव्यू देने वाले सही व्यक्ति है साथ ही उसका पता होना जरुरी है. 


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