प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव के तहत मोबाइल और स्मार्टफोन की मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की कोशिश के साथ ही सरकार अब स्मार्टवॉच, फिटनेस ट्रैकर, हियरेबल, ड्रोन, वर्चुअल, ऑगमेंटेड रियल्टी और ओटीटी प्रोडक्ट की मैन्यूफैक्चरिंग को भी बढ़ावा देने की योजना बना रही है. सरकार इन मैन्यूफैक्चरर्स के लिए इन्सेंटिव योजना लाने की तैयारी में है.


इस योजना से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स यानी IOT डिवाइस काफी लोकप्रिय हो रहे हैं. इस वक्त इस तरह के ज्यादातर डिवाइस आयात किए जा रहे हैं. फिलहाल देश में इस तरह के दो से तीन अरब डिवाइस की मांग है. अगले तीन साल में इनकी संख्या 5 अरब तक पहुंच सकती है.


लैपटॉप, सर्वर और टैबलेट के लिए 7,300 करोड़ की योजना जल्द


सरकार प्रोडक्शन लिंक्ड इनिशिएटिव स्कीम यानी PLI के तहत स्मार्टफोन और कंपोनेंट की मैन्यूफैक्चरिंग के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की तीन प्रोग्राम ला चुकी है. अगले कुछ सप्ताह में सरकार लैपटॉप, सर्वर और टैबलेट मैन्यूफैक्चरिंग के लिए 7,300 करोड़ की योजना का ऐलान कर सकती है. सरकार जल्द ही कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरर्स से भी यहां आकर प्रोडक्शन लिंक्ड इनिशिएटिव योजना का लाभ लेने की अपील कर सकती है. सेमी-कंडक्टर फैब्रिकेशन के लिए आवेदन मंगाए गए हैं.


पीएलआई स्कीम का दिखने लगा है फायदा


इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि भारत में चिप फैब्रिकेशन यूनिट खड़ा करना दुनिया भर के मैन्यूफैक्चरर्स के लिए फायदे का सौदा साबित होगा. सरकार के प्रोडक्शन लिंक्ड इनिशिएटिव के सकारात्मक नतीजे देखने को मिल रहे हैं. आईफोन कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरर फॉक्सकॉन,पेगाट्रोन विस्ट्रन के अलावा सैमसंग, कार्बन, लावा और डिक्सॉन जैसी कंपनियां 11.5 लाख करोड़ रुपये की मैन्यूफैक्चरिंग को अंजाम देंगी. मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग में पीएलआई की सफलता के बाद सरकार ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स, सोलर और टेक्सटाइल समेत दस सेक्टरों में ऐसी स्कीम लाएगी.


FMCG प्रोडक्ट की बिक्री फिर पटरी पर, तीसरी तिमाही में 17 फीसदी रफ्तार


इक्विटी फंड्स में जम कर हो रहा है निवेश, दिसंबर तिमाही में 7.6 फीसदी बढ़ा एसेट बेस