Advertisement Guidelines: सरकार ने बच्चों को निशाना बनाने वाले भ्रामक विज्ञापनों को नियंत्रित करने के लिए आज डिटेल्ड गाइडलाइंस जारी की हैं. इनमें कंपनियों को स्वास्थ्य व पोषण संबंधी फायदों के बारे में झूठे दावे करने से रोकने और उपहार का लालच देकर बच्चों को सामान व सेवाएं लेने के लिये राजी करने आदि पर रोक लगाने का प्रावधान है. गाइडलाइंस में ये भी कहा गया है कि एडवर्टाइजमेंट जारी करने से पहले उचित सावधानी बरती जानी चाहिए. 


भ्रामक विज्ञापनों से बच्चों को बचाने के लिये सरकार ने जारी किये दिशा-निर्देश
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 'भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम और विज्ञापनों के संबंध में आवश्यक सावधानी दिशा निर्देश- 2022' में बच्चों को निशाना बनाने वाले विज्ञापनों के बारे में 19 प्रावधान किए हैं. नए दिशानिर्देश शुक्रवार यानी आज से लागू हो गए हैं और उल्लंघन की स्थिति में कार्रवाई केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत की जाएगी.


हाल के कई मामलों को देखते हुए सरकार हुई सतर्क
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि महिला और बाल विकास मंत्रालय की सिफारिश के बाद बच्चों को निशाना बनाने वाले भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के लिए विस्तृत प्रावधान किए गए हैं. नई गाइडलाइंस के मुताबिक उन विज्ञापनों को भ्रामक माना जाएगा, जो अपने उत्पाद को किसी मान्यता प्राप्त निकाय द्वारा उचित व वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित कराए बिना किसी स्वास्थ्य पोषण या लाभ के संबंध में दावे करते हैं.


सेरोगेट एड पर भी लगेगी रोक
इसका अर्थ है कि वो छद्म विज्ञापन जो किसी और उत्पाद के बहाने किसी और उत्पाद का प्रचार करते हैं, उन पर रोक लगेगी. जैसे सोडा वॉटर के विज्ञापन के बहाने एल्कोहेल का विज्ञापन करना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. 


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