सोने-चांदी की खरीदारी में KYC की जरूरत पर सरकार ने दी सफाई, जानें क्या है नियम
पीएमएलए के तहत सरकार ने जो नोटिफिकेशन जारी किया है वह फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी FATF के नियमों के मुताबिक जरूरी है. FATF मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग पर नजर रखता है.
सोने-चांदी की खरीदारी में ज्वैलर्स की ओर से केवाईसी से जुड़े दस्तावेज मांगने की खबरों पर सरकार की ओर से सफाई दी गई है. वित्त मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि गोल्ड, सिल्वर, कीमतों पत्थरों और जवाहरात की कैश खरीद पर किसी भी तरह की केवाईसी डिस्क्लोजर की जरूरत नहीं है. सिर्फ ऊंची कीमतों की खरीदारी पर नियम के मुताबिक केवाईसी डॉक्यूमेंट जैसे पैन, आधार की जरूरत होगी. 28 दिसंबर को जारी अधिसूचना पर स्पष्टीकरण देते हुए राजस्व विभाग ने कहा है कहा है कि ज्वैलरी, सोना या कीमती पत्थरों की 2 लाख रुपये से अधिक की कैश खरीदारी पर पहले भी पैन या आधार की जरूरत होती थी. यह नियम जारी है
वित्त मंत्रालय ने मीडिया की खबरों पर दी सफाई
पीएमएलए के तहत सरकार की ओर से नया नोटिफिकेशन जारी करने के बाद यह भ्रम फैला कि ग्राहकों को गोल्ड की हर खरीद पर KYC देना होगा. लेकिन, नोटिफिकेशन के मुताबिक, नया केवाईसी नियम तब लागू होगा जब महीने भर में एक ग्राहक को 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा रकम की ज्वैलरी बेची गई हो. मौजूदा नियमों के मुताबिक, 2 लाख रुपये से ज्यादा की कैश में ज्वैलरी खरीद पर ही केवाईसी डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है.
FATF नियमों की वजह से जारी किया गया नोटिफिकेशन
पीएमएलए के तहत सरकार ने जो नोटिफिकेशन जारी किया है वह फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी FATF के नियमों के मुताबिक जरूरी है. FATF मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग पर नजर रखता है. टेरर फाइनेंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के लिए इसके अपने नियम हैं. भारत 2010 से FATF का सदस्य है.
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