Container Corporation Of India: सरकार इस महीने कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचने जा रही है. इसके लिए सरकार ने आवेदन मांगे है. इस कंपनी में हिस्सेदारी बेचने के लिए प्रक्रिया की शुरुआत इसी महीने से हो सकती है. एक अधिकारी के अनुसार, कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CONCOR) के निजीकरण के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट मांगे गए हैं. 


पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने बताया कि हिस्सेदारी बेचने के लिए सभी दस्तावेज तैयार हैं. इस महीने में ही प्रारंभिक बोली मांगी जा सकती है. हालांकि अभी इस कंपनी के प्राइवेटाइजेशन के लिए कैबिनेट के कुछ मंत्रियों से मंजूरी ली जाएगी. 


कितनी ​फीसदी हिस्सेदारी बेच रही सरकार 


नवंबर 2019 में कॉनकॉर में 54.80 प्रतिशत सरकारी की हिस्सेदारी में से 30.8 प्रतिशत को बेचने की अनुमति कैबिनेट की ओर से दी गई थी. सरकार की ओर से 30 फीसदी से अधिक की हिस्सेदारी बेचने के बाद भी उसके पास बिना किसी वीटो पावर के 24 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी. 


नई नीति को मिली थी मंजूरी 


काफी समय से इसके शेयरों की बिक्री रुकी रही थी, क्योंकि निवेशक रेल पट्टा और लाइसेंसिंग शुल्क के स्पष्टीकरण का इंतजार कर रहे थे. केंद्रीय केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सितंबर में एक नई नीति को मंजूरी दी थी. यह प्रति वर्ष भूमि के बाजार मूल्य के 1.5 प्रतिशत की दर से कार्गो से संबंधित व्यवसायों के लिए रेलवे संपत्ति को 35 साल तक के लिए दीर्घकालिक पट्टे पर देने की अनुमति देती है. कॉनकॉर रणनीतिक बिक्री अगले वित्त वर्ष तक जारी रहने की उम्मीद है. 


कंपनी के बारे में जरूरी जानकारी 


कॉनकोर, रेल मंत्रालय के तहत काम करने वाला एक पीएसयू है, जो कंटेनर ट्रांसपोर्टेशन और लॉजिस्टिक्स का काम करता है. मार्च 2022 तक इसके 61 कंटेनर टर्मिनलों पर 1,359 कर्मचारी काम कर रहे थे. वित्त वर्ष 2021-2022 के लिए कंपनी का कुल राजस्व 7,857 करोड़ रुपये था.


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