ग्रे-मार्केट में रेलटेल के अनलिस्टेड शेयरों के दाम गिरे, जानिए क्या है वजह?
रेलटेल के अनलिस्टेड शेयर ग्रे मार्केट में चढ़ने के बाद गिर गए. कहा जा रहा है कि क्यूआईबी और एचएनआई की आईपीओ में दिलचस्पी घटने से ग्रे मार्केट में ये गिर गए.
सरकारी कंपनी रेलेटल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का आईपीओ 16 फरवरी को खुला था. सब्सक्रिप्शन के लिए यह 18 फरवरी को बंद हो गया था. इस दौरान इस इश्यू का रिटेल हिस्सा 11 गुना सब्सक्राइब हुआ. रेलटेल के गैर सूचीबद्ध शेयर कुछ दिनों पहले ग्रे मार्केट पर प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे थे लेकिन अचानक वे नीचे आ गए हैं. विश्लेषकों का कहना है कि कंपनी की संभावनाएं अच्छी है लेकिन क्यूआईबी और एचएनआई निवेशक इसमें दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. यही वजह है कि ग्रे मार्केट में यह शेयर प्रीमियम से कम पर बिक रहा है.
दो दिन पहले 6.55 गुना सब्सक्राइब हुआ था आईपीओ
रेल टेल का आईपीओ 17 फरवरी तक 6.55 गुना सब्सक्राइब हुआ था. रिटेल हिस्से के लिए 10.55 गुना बोली लगी थी. क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स यानी QIB का हिस्सा 2..97 गुना सब्सक्राइवर हुआ था. कर्मचारियों के लिए रिजर्व हिस्सा 1.85 गुना सब्सक्राइब हुआ था. रेलटेल के आईपीओ का प्राइस बैंड 93-94 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है . यह इसके फेस वैल्यू से 9.4 गुना ज्यादा है. आईपीओ ऑफर की लॉट साइज 155 शेयरों की रखी गई थी. यानी कम से कम 155 शेयरों के लिए अप्लाई करना जरूरी था. यानी आईपीओ में कम से कम 14,570 रुपये निवेश करना होता. अधिकतम 13 लॉट साइज के लिए बोली लगाया जा सकता था. कंपनी 820 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है.
क्या करती है कंपनी?
रेल टेल कॉरपोरशन ऑफ इंडिया आईसी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर कंपनी है. यह अग्रणी टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर कंपनी है. साल 2000 में शुरू हुई इस कंपनी का नियंत्रण रेलवे मंत्रालय के पास है. इसके प्रोडक्ट और सर्विसेज में टेलीकॉम नेटवर्क सर्विसेज, टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज, डेटा सेंटर एंड होस्टिंग सर्विसेज और सिस्टम इंटीग्रेशन सर्विसेज शामिल हैं. कंपनी ट्रेनों के नियंत्रण संचालन, सुरक्षा और देश भर में ब्रॉडबैंड और मल्टी मीडिया नेटवर्क सुविधाएं मुहैया कराके कमाई करती है.
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